सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना ने लोगों के जीवन को तहस-नहस कर दिया है. इस महामारी ने न जाने कितने लोगों से उनके अपने को छीन लिया है. गरीब से लेकर अमीर हर कोई इस महामारी का शिकार हुआ है. ऐसे में अब कहा जा रहा है कि तीसरी लहर और भी भीषण होने वाली है. यदि यह लहर उतनी ही भीषण हुई तो सबसे ज्यादा खतरा 18 साल से कम आयु के बच्चों को है. इसके लिए सरकार तैयारी तो कर रही है, लेकिन इन तैयारियों से ज्यादा वैक्सीन जरुरी है. जो अबतक भारत ने तैयार नहीं किया है. ऐसे में अब भारत की नजर अमेरिकी वैक्सीन निर्माता कंपनी मॉडर्ना और फाइजर-बायोएनटेक पर टिकी हुई है.
मॉडर्ना ने कहा कि उसकी वैक्सीन बच्चों पर 10 प्रतिशत प्रभावी और सुरक्षित है। वैक्सीन को 12 से 17 साल की उम्र के 3732 बच्चों पर परीक्षण किया गया है. कंपनी ने कहा कि टीका पहली खुराक के दो सप्ताह बाद 93% प्रभावी दिखाई दिया। जबकि दोनों खुराकों के बाद 100% प्रभाव दिखा. अमेरिका की नियाम एजेंसी एफडीए ने इसी महीने 12 से 15 साल के बच्चों के लिए फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को मंजूरी दी है। बच्चों के लिए मंजूरी पाने वाली वह दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन है. अगर मॉडर्ना को भी मंजूरी मिल जाती है तो ये अमेरिका में बच्चों के लिए दूसरी वैक्सीन होगी.
मॉडर्ना के टीके अगले साल भारत में उपलब्ध हो सकते हैं। इसके लिए सिप्ला और अन्य भारतीय दवा कंपनियों से बातचीत चल रही है। समझा जाता है कि सिप्ला ने मॉडर्न से 2022 में 5 करोड़ टीके की खुराक की खरीद में रूचि दिखाई है. इसके अलावा फाइजर 2021 में ही 5 करोड़ टीके उपलब्ध कराने को तैयार है। फाइजर चाहती है कि भारत में वैक्सीन के साइड इफेक्ट होने पर कानूनी कार्रवाई से छूट मिले.
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