सिटी पोस्ट लाइव :: हड़ताल अवधि के बीच हुए कार्यदिवसों सामंजन में गड़बड़ी को लेकर बिहार के नियोजित शिक्षक सरकार से खफा हैं. बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष पूर्व एमएलसी केदार पांडे ने हड़ताल अवधि के बीच हुए कार्यदिवसों सामंजन को लेकर सरकार को पत्र लिखा है. शिक्षा विभाग को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि उपयुक्त विषयक इस कार्यालय के पत्रांक 526 दिनांक 2/05/ 2020 का कृपया प्रसंग निर्देश किया जाए .इस पत्र के द्वारा हड़ताल अवधि के बीच हुए कार्य दिवसों की क्षति 22 दिनों की स्वीकारी गई है. जिनको भवदिए पत्र में हड़ताल अवधि में कई अवकाशों की भी गिनती करते हुए कुल 29 दिनों का समंजन किया गया हैजो नियमों और परंपराओं के विपरीत है.
केदारनाथ पाण्डेय ने आगे लिखा है कि वैसे तो इस सत्र में लॉक डाउन के कारण बच्चों की पढ़ाई की भारी क्षति हुई है और विद्यालय खुलने के बाद नामांकन तथा पाठ्यक्रमों को पूरा करने का एक बड़ा टास्क है जिसे हम सबों को छात्र हित में पूरा करना है.अतः अनुरोध है कि इस 29 दिन के हड़ताल अवधि की गणना को विलोपित कर केवल 22 दिन के कार्य दिवस का ही सामंजन हेतु संशोधित अवकाश तालिका का प्रकाशन करते हुए हड़ताल अवधि का भुगतान करने का निर्देश दिया जाए.साथ ही लॉक डाउन में ग्रीष्म अवकाश की अवधि 18 मई से 31 मई के बीच कार्य करने वाले शिक्षकों के सामंजन क्षतिपूर्ति अवकाश देने हेतु निर्देश दिया जाए.केदार पाण्डेय का कहना है कि शिक्षक विषम परिस्थितियों में भी कम करने से पीछे नहीं हटते.राष्ट्र निर्माण में उनकी अहम् भूमिका है फिर भी सरकारें उनका ठीक से ख्याल नहीं रखतीं.