मिस बिहार का ऑर्डिशन शुरू, ‘बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ’और ‘दहेज हटाओ’ अभियान है इसका थीम
सिटी पोस्ट लाइव : ब्यूटी पीजेंट मिस बिहार 2018 का ऑडिशन कल 16 दिसम्बर से पटना के होटल गार्गी ग्रैंड शुरू हो चुका है। ऑडिशन के पहले दिन बिहार के विभिन्न जिलों से आयीं कंटेस्टेंट का जलवा कारपेट पर देखने को मिल रहा है। इस दौरान सभी प्रतिभागी अपने-अपने तरीके से अपना परिचय, डांस, आईक्यू टेस्ट के जरिये ज्यूरी मेंबर को रिझाती नजर आयीं। ओसियन विजन द्वारा ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और दहेज हटाओ’ अभियान’ के तहत आयोजित मिस बिहार 2018 के ऑडिशन में 110 कंटेस्टेंट ने हिस्सा लिया, जबकि इस बार मिस बिहार के लिए 900 कंटेस्टेंट ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है। ऑडिशन आज सोमवार को भी जारी है।
ये जानकारी ओसियन विजन के डायरेक्टर प्रवीण सिन्हा फोन ने जरिये सिटी पोस्ट लाइव को दी। उन्होंने बताया कि मिस बिहार 2018 के ऑडिशन राउंड में ज्यूरी मेंबर में मिस बिहार 2017 सान्या राज, फर्स्ट रनर अप मिस बिहार 2017 रूपाली, फैशन कोरियोग्राफर मनीष चंदेश, डांस कोरियोग्राफर अनिल राज और फैशन डिजाइनर आशीष अग्रवाल हैं। इन जूरी मेम्बरान के द्वारा ऑडिशन के दौरान सभी कंटेस्टेंट से खूबसूरती, कम्यूनिकेशन स्किल,आई क्यू, पर्सनालिटी के पैमाने पर कई सवाल पूछे गए।प्रवीण सिन्हा ने बताया कि मिस बिहार 2018, मिस बिहार का यह 12 वां सीजन है, जहां बिहार की बेटियां अपनी प्रतिभा का जलवा बिखेर रही हैं।
ऑडिशन के पहले दिन मुकाबला नेक टू नेक देखने को मिला। उन्होंने बताया कि जहाँ रूफ फाउंडर इस इवेंट को सोशल सपोर्ट दे रहा है वहीँ अन्नू कंस्ट्रक्शन इसका स्पॉन्सर है। मिस बिहार 2018 का फिनाले दिसंबर के अंतिम सप्ताह में संभावित है,जिसमें मिस इंडिया, मिस बिहार 2017 के अलावा बॉलीवुड और फैशन इंडस्ट्री के कई नामचीन चेहरे शिरकत करेंगे। इसमें से कई चेहरे मिस बिहार 2018 के फिनाले के ज्यूरी टीम में भी शामिल होंगे। आज भी प्रतिभागी जलवे बिखेड़ रहे हैं। लेकिन इस तरह के कार्यक्रम में भी ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और दहेज हटाओ’ के स्लोगन कहीं से भी फिट नहीं बैठते हैं।
सरकार से लेकर विभिन्य सामाजिक कार्यक्रमों में बेटी को लेकर कसीदे कढ़े जाना शक को बढ़ाता है। बेटियों के प्रति धारणा बदलने की सबसे बड़ी जगह परिवार और पारिवारिक परिवेश है। फिर समाज और सामाजिक परिवेश की बारी आती है। लोगों से सोच और नजरिया बदलने के दरखास्त कहीं से भी जायज नहीं है। बेटी को आसमान छूने का हक है लेकिन सीमाओं और वर्जनाओं को तोड़कर नहीं। फैशन शो,जहां अर्ध नग्न लड़कियों का ऑर्डिशन बड़े नारे के बीच होता है, वह कहीं से भी जायज नहीं है। आजादी के नाम पर अपसंस्कृति को बढ़ावा देने की हर कड़ी पर अब लगाम लगाने की जरूरत है।
पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप से सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की “विशेष” रिपोर्ट
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