बड़े धूमधाम के साथ लाखों कार्यकर्ता मनायेगें नीतीश कुमार का जन्म दिन
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कल 70 साल के हो जायेगें. पार्टी के नेता और कार्यकर्त्ता नीतीश कुमार के जन्म दिन को 1 मार्च को बड़े धूमधाम के साथ मनायेगें. 1 मार्च को ही पार्टी का कार्यकर्त्ता सम्मलेन पटना के गांधी मैदान में आयोजित हो रहा है. इस मौके पर लाखों कार्यकर्त्ता पटना में जुटेगें और बड़े धूमधाम के साथ अपने नेता का जन्म दिन मनायेगें. 1951 में बख्तियारपुर में स्वतंत्रता सेनानी रामलखन सिंह के घर उनका जन्म हुआ था. रामलखन सिंह स्वतंत्रता सेनानी थे और एक जानेमाने वैद्य थे.र आधुनिक बिहार के संस्थापकों में से एक महान गांधीवादी अनुग्रह बाबू के करीब थे. नीतीश कुमार ने 1972 में बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से विद्युत इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री ली थी. डिग्री लेने के बाद वे बिहार विद्युत बोर्ड में शामिल हुए।लेकिन बहुत जल्द हीं नौकरी से मन भर गया और राजनीति की तरफ चले गए.
नीतीश कुमार के जन्मदिन पर जेडीयू चुनावी शंखनाद करेगी. इसके लिए गांधी मैदान में कार्यकर्ता सम्मेलन बुलाया गया है, जिसमें दो लाख से ज्यादा जेडीयू कार्यकर्ताओं के शामिल होने की बात कही जा रही है. कार्यकर्ता सम्मेलन के जरिये मुख्यमंत्री प्रदेश के लोगों को अपने काम का हिसाब तो देंगे ही, साथ ही लोगों से आनेवाले चुनाव के लिए आशीर्वाद भी मांगेंगे.
सीएम नीतीश के राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 1977 में हुई .इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा.1977 में सबसे पहले ये जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन सफलता नहीं मिली.उसके बाद 1985 में पहली बार विधायक बने. पहले विधायक, फिर सांसद, केंद्रीय मंत्री और फिर बिहार के मुख्यमंत्री बनें. साल 1987 में नीतीश कुमार युवा लोकदल के बिहार अध्यक्ष बने. 1989 में नीतीश कुमार को जनता दल का महासचिव बना दिया गया.
इसके बाद 1989 में नीतीश कुमार 9वीं लोकसभा के लिए चुने गए. साल 1990 में नीतीश अप्रैल से नवंबर तक कृषि एवं सहकारी विभाग के केंद्रीय राज्य मंत्री रहे.1991 में दसवीं लोकसभा पहुंचने वाले नीतीश कुमार जनता दल के महासचिव बने और संसद में जनता दल के उपनेता भी बने.1996 में नीतीश कुमार 11वीं लोकसभा के लिए चुने गए. साल 1998 ने नीतीश फिर से 12वीं लोकसभा के लिए चुने गए और 1998-99 तक नीतीश कुमार केंद्रीय रेलवे मंत्री भी रहे. साल 1999 में ही नीतीश कुमार 13वीं लोकसभा के लिए चुने गये और केंद्रीय कृषि मंत्री बने.
2000 में लालू राज समाप्त करने के बाद नीतीश कुमार पहली बार महज 7 दिनों के लिये मुख्यमंत्री बने. मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद वे एक बार फिर से केंद्र की राजनीति में सक्रिय हो गये. 2000 में नीतीश एक बार फिर से केंद्रीय कृषि मंत्री बने। 2001 से 2004 तक नीतीश केंद्रीय रेलमंत्री रहे. 2004 में हुए आमचुनाव में नीतीश 14वीं लोकसभा के लिए चुने गए.
पांच साल बाद यानि 2005 में नीतीश कुमार एक बार फिर से मुख्यमंत्री बने. 2010 में भी उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन कार्यकाल के पूरा होने के पहले ही 2014 के लोकसभा चुनाव में हुई करारी हार का जिम्मा लेते हुए उन्होंने इस्तीफा दे दिया था और जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया. 2015 में नीतीश ने एक बार फिर बिहार की कमान संभाली. इस साल नीतीश लालू के साथ हुए और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले राजग की चुनौती को मुंहतोड़ जवाब देते हुए बिहार की सत्ता पर कब्जा किया. लेकिन वर्ष 2017 में महागठबंधन से अलग होकर एक बार एनडीए के साथ आ गए.उसके बाद से अब तक वे बिहार के सीएम की कुर्सी पर काबिज हैं.
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