सिटी पोस्ट लाईव,सिवान : आप अपने घर में लाफिंग बुद्धा रखते हैं या नहीं. रखते हैं तो भी और नहीं रखते तो भी आपको असली लाफिंग बुद्धा को एकबार जरुर देख लेना चाहिए. जी हाँ, मैं उस लाफिंग बुद्धा की बात कर रहा हूँ, जो जिन्दा है और आज भी सैकड़ों लोगों को हंसाता है.इसके लिए आपको कहीं ज्यादा दूर नहीं जाना है.यह लाफिंग बुद्धा बिहार के सिवान .यहाँ रहते हैं लाफिंग बुद्धा .वैसे तो इनका नाम युवा बाबा नागेश्वर दास है. देशभक्ति गीत के गायक बाबा नागेश्वर दास पिछले 20 साल से लोगों को अपने खास अंदाज से हंसाने का काम करते हैं. अपने इसी हंसाने की कला के कारण प्यार से लोग इन्हें लाफिंग बुद्धा कहते हैं.
लाफिंग बुद्धा घर घर जाकर लोगों को हंसाते हैं. अगर किसी के घर में कोई बीमार होता है,तो इनका उस घर में बेसब्री से इंतज़ार होता है. लाफिंग बुद्धा कहते हैं कि हंसी ही एक ऐसा मंत्र है जो लोगों को बीमारियों से बचाता है. नागेश्वर दास का कहना है कि इंसान के चेहरे पर हंसी आने से दुनिया के सारे बोझ, सभी दर्द दूर हो जाते हैं. वह कहते हैं कि सिर्फ खुशी व हंसी के अभाव में ही लोग बीमारियों के शिकार हो रहे हैं.लाफिंग बुद्धा की ये बात सच है कौन नहीं जानता ?हंसाने से ही तो दिमाग के अन्दर की ग्रंथी से इंडारसिन नामक हार्मोन निकलता है जो मानसिक तनाव कम करने के लिए जरुरी होता है.अगर कोई ठीक से नियमितरुप से हँसे तो उसे ब्लड प्रेशर की कभी शिकायत ही नहीं हो सकती .
बाबा देशभक्त हैं.देशभक्ति के गीत ही गुनगुनाते रहते हैं. इनका सबसे पसंदीदा गीत है-बिहार गीत “ मैं बिहार हूं “. बाबा नागेश्वर दास इसे इसलिए गुनगुनाते हैं क्योंकि उनका मानना है कि यह गीत हर बिहारी की अस्मिता और सम्मान से जुड़ा हुआ है.