सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में मध्यावधि चुनाव की प्रबल संभावना है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने सहयोगी दलों के दबाव की वजह से मध्यावधि चुनाव का रास्ता चुन सकते हैं.ये दावा किया है एलजेपी (रामविलास) पार्टी के सुप्रीमो चिराग पासवान ने.चिराग पासवान ने पटना में मीडिया से बात करते हुए कहा, बिहार में कभी भी मध्यावधि चुनाव हो सकता है और यह बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी जानते हैं. ऐसा इसलिए कि मुख्यमंत्री अपने ही घटक दलों के दबाव में हैं. लगातार घटक दल इनके ऊपर दबाव बनाते रहते हैं. मुख्यमंत्री से जब कोई रोजगार मांगने जाता है तो उन पर लाठियां चलती हैं. पिछले 18 साल से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं, लेकिन अभी भी उन्हें सिर्फ घोषणा ही करनी पड़ रही है.
चिराग ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 20 लाख रोजगार की बात कही थी. खुशी होगी अगर मुख्यमंत्री अपनी कही बातों को सही कर देंगे. रोजगार की बातें कही थीं कि रोजगार दे देंगे, लेकिन उनकी बातें अब सिर्फ बातें ही रह गई हैं. घोषणाओं तक ही सीमित है. बिहार की जनता उन पर विश्वास नहीं करती.पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की बातों पर कहा चिराग ने कहा, श्रीराम आस्था का विषय हैं. किसी व्यक्ति की आस्था को ठेस नहीं पहुंचाना चाहिए. एक राजनीतिक दल होने के नाते सबकी भावनाओं का सम्मान करना आपका दायित्व होता है. राजनेता होने के जनता की सेवा करना आपका काम होता है, न कि इस तरह की बातों को छेड़कर किसी की भावना को ठेस पहुंचाना.
चिराग पासवान ने आगे कहा, राम बड़े या रावण बड़े थे, इस तरह की बातें करना उचित नहीं है. आप सरकार के हिस्सा हैं, आप लोगों के लिए जनता के लिए रोजगार शिक्षा स्वास्थ्य अपराध मुक्त समाज बनाने के लिए काम करें. पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं जीतन राम मांझी फिर भी इस तरह की बातें कुरेदकर समाज असंतोष पैदा करना कतई जायज नहीं है.
सीबीआई की छापेमारी पर चिराग पासवान ने कहा कि यह न्यायिक प्रक्रिया है. मैं पहले भी कहते आया हूं कि अगर आपने कुछ गलत नहीं किया है, तो फिर आप का कुछ नहीं हो सकता है. नगालैंड में पार्टी के प्रदर्शन से उत्साहित सांसद चिराग पासवान ने कहा कि नागालैंड में जिस तरह से हम लोगों ने अच्छा प्रदर्शन किया है. तो यह उम्मीद जगी है कि आगे और भी राज्यों में अच्छा प्रदर्शन हो सकता है. अगर 1से 2 राज्यों में अच्छा प्रदर्शन हुआ तो फिर हमें राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा जरूर मिल जाएगा.
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