सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना वायरस का संक्रमण दुनियाभर में तेजी से बढ़ता ही जा रहा है. भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, ब्राजील, रूस समेत दुनिया के कई देश इस महामारी से बुरी तरह प्रभावित हैं. भारत समेत कई देशों के वैज्ञानिक कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने को लेकर शोधरत हैं. अब कोरोना की एक नई दवा सामने आई है, जो मरीज के शरीर में कोरोना वायरस को संख्या बढ़ाने से रोकेगी.
रूस की फार्मा कंपनी आर-फार्मा(Russia Pharm) ने कोरोना वायरस के इलाज के लिए नई दवा तैयार की है. यह नई दवा एंटीवायरल है, जिसका नाम कोरोनाविर(Coronavir) रखा गया है. क्लीनिकल ट्रायल यानी नैदानिक परीक्षण के बाद इस दवा को कोरोना मरीजों के इलाज के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति मिल गई है.रूस की इस कंपनी का दावा है कि ‘कोरोनाविर’ देश की पहली ऐसी दवा है, जो कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए पूरी तरह कारगर है. संक्रमित मरीजों के शरीर में जाने के बाद यह दवा कोरोना की संख्या को बढ़ने से रोक देती है.
रशियन फार्मा कम्पनी आर-फार्म के मुताबिक, क्लीनिकल ट्रायल के दौरान इस दवा के शानदार परिणाम आए हैं. ट्रायल के दौरान कोरोनाविर ले रहे और दूसरी थेरेपी या दवा ले रहे कोरोना के मरीजों की तुलना की गई. इस दौरान सामने आया कि दूसरी दवा और थेरेपी के मुकाबले कोरोनाविर लेने वाले मरीजों में 55 फीसदी अधिक सुधार हुआ. कंपनी का दावा है कि पहले से उपलब्ध दवाएं कोरोना के लक्षणों का इलाज करती हैं, लेकिन कोरोनाविर दवा कोविड-19 के लक्षणों पर फोकस करने की जगह सीधे वायरस को टारगेट करती है. मरीजों को यह दवा देने पर 14 दिन बाद हुए असर का आकलन किया गया. क्लीनिकल ट्रायल में सामने आया कि कोरोनाविर देने के पांचवे दिन 77.5 फीसदी मरीजों में कोरोना वायरस खत्म हो चुका था.
रूस के सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी प्रमुख तात्यान रायजेनत्सोवा के मुताबिक, दवा का ट्रायल मई में शुरू हुआ था.इससे यह अब तक 110 मरीजों का इलाज किया जा चुका है. हालांकि दवा के शोध की रिपोर्ट किसी हेल्थ रिसर्च जर्नल में प्रकाशित हुई है या नहीं, इस बारे में उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, आर-फार्म के मेडिकल निदेशक डॉ. मिखायल सोमसोनोव ने कहा है कि इस दवा का कई देशों में क्लीनिकल ट्रायल हुआ है, जिसमें ये साबित हुआ है कि कोरोनाविर वायरस के रेप्लिकेशन और तेजी से फैल रहे संक्रमण को रोकती है.