सिटी पोस्ट लाइव : बिहार नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश 2022 को शुक्रवार को बिहार विधानसभा के पटल पर रखा गया.इसे मंजूरी मिल जाने के बाद शहरी निकायों में मेयर-डिप्टी मेयर या मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद के निर्वाचन में आने वाले बदलाव की विस्तृत जानकारी है. नए संशोधन के अनुसार मेयर, डिप्टी मेयर मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद का चुनाव अब जनता करेगी. इससे धनबल के प्रयोग पर भी रोक लगेगी. गौरतलब है कि देश के कई राज्यों में इस तरह की व्यवस्था पहले से है. नए नियम के अनुसार, सरकार भ्रष्टाचार में संलिप्तता पाए जाने, शारीरिक व मानसिक तौर पर अक्षम होने या छह माह से अधिक फरार होने की स्थिति में मेयर या डिप्टी मेयर को हटा सकती है.जनता के वोट से मेयर-डिप्टी मेयर चुने जायेगें. तीन लगातार बैठकों में अनुपस्थित रहने या कर्तव्यों से इनकार करने पर भी सरकार यह कदम उठा सकती है.
लोकप्रहरी की नियुक्ति के बाद, सरकार को लोकप्रहरी की अनुशंसा के आधार पर यह आदेश पारित करना होगा. अगर ऐसा होता है, तो हटाए गए मेयर-डिप्टी मेयर नगरपालिका में शेष कार्यकाल के दौरान पुन: निर्वाचन के पात्र नहीं होंगे.मेयर या डिप्टी मेयर की मृत्यु, पद त्याग, बर्खास्तगी तथा अन्य कारणों से पद रिक्त होने पर फिर से चुनाव होगा. जनता के वोट से ही फिर से दोनों जनप्रतिनिधि चुने जाएंगे. यह निर्वाचन पूर्व के मेयर-डिप्टी मेयर के बचे हुए कार्यकाल तक ही होगा. अगर सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों के पद में आकस्मिक रिक्ति होती है, तो मुख्य पार्षद या मेयर निर्वाचित पार्षदों में से किसी एक को नामित करेंगे. त्यागपत्र देने की स्थिति में वह सात दिनों के बाद प्रभावी हो जाएगा.