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राज्य सभा की सीट के लिए कई कांग्रेसी दावेदार, लेकिन शत्रुघ्न सिन्हा को राज्यसभा भेजेंगे लालू

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राज्य सभा की सीट के लिए कई कांग्रेसी दावेदार, लेकिन शत्रुघ्न सिन्हा को राज्यसभा भेजेंगे लालू

सिटी पोस्ट लाइव : एक अनार सौ बीमार वाली कहावत कांग्रेस पार्टी पर चरितार्थ हो रही है.लोक सभा चुनाव के दौरान RJD ने कांग्रेस पार्टी को एक राज्य सभा की सीट देने का वायदा किया था.लेकिन एक सीट के कांग्रेस पार्टी के कई नेता दावेदार हैं. राज्यसभा सीट के लिए कांग्रेस के नेता तारिक अनवर (Tariq Anwar) और निखिल कुमार (Nikhil Kumar) तो पहले से दावेदार हैं ही साथ ही अब बिहारी बाबू भी अब लाइन में लग गए हैं. सीट एक है, उम्मीदवार तीन, ऐसे में लालू यादव ही तय करेगें कि कौन राज्य सभा जाएगा.

लालू यादव और शत्रु के संबंध के बारे सबको पता है. बीजेपी में रहते हुए भी शत्रु हमेशा लालू यादव और उनके परिवार के साथ खड़े रहे.उसका ईनाम इसबार उनको मिल सकता है. सूत्रों के अनुसार शत्रु  को  टिकट मिलना लगभग तय माना जा रहा है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) से शत्रु मुलाकात भी कर चुके हैं. कांग्रेस पार्टी भी लालू यादव की मर्जी के खिलाफ नहीं जाना चाहती. जानकारी के अनुसार कांग्रेस और आरजेडी में सहमति भी बन गई है कि एक सीट पर आरजेडी कांग्रेस का समर्थन करेगी.

दरअसल बिहार में राज्यसभा की छह सीटों के लिए अप्रैल के अंत या मई की शुरुआत में चुनाव होने हैं. इनमें से जेडीयू के हरिवंश, कहकशां परवीन और रामनाथ ठाकुर के अलावा बीजेपी के सीपी ठाकुर और आरके सिन्हा सांसद हैं. वहीं आरजेडी के मशहूर वकील राम जेठमलानी की मौत की वजह से एक सीट खाली हुई है.आंकड़ों के लिहाज से देखें तो इस बार जेडीयू-बीजेपी के खाते से दो सीटें छिन सकती हैं क्योंकि आरजेडी-कांग्रेस की संयुक्त ताकत और विपक्ष के समर्थन से उनके इनमें से तीन सीटें जीतने की क्षमता नजर आ रही है.

राज्य की 243 विधानसभा सीटों में से जेडीयू के पास 70, बीजेपी के पास 54 और एलजेपी के पास दो विधायक हैं. वहीं आरजेडी और कांग्रेस के पास क्रमश: 80 और 26 विधायक हैं. जबकि सीपीआई (एमएल) के पास तीन, जीतन राम मांझी की पार्टी हम के पास एक और AIMIM के पास एक विधायक है. जबकि पांच निर्दलीय विधायक भी हैं, जबकि महिषी विधानसभा सीट रिक्त है.

सीटों के गणित से देखें तो एक राज्यसभा सीट के लिए 35 सीटें चाहिए. ऐसे में दो सीटों का नुकसान एनडीए को हो सकता है, वहीं सयुक्त विपक्ष तीन सीटें जीत सकता है. ऐसे में कहा जा रहा है कि कांग्रेस और आरजेडी में एक तरह से समझौता हो चुका है कि दो सीटें आरजेडी के खाते में जाएंगी और एक कांग्रेस के खाते में.

कांग्रेस के कैंडिडेट की जीत तभी संभव होगी जब आरजेडी अपने सरप्लस वोट कांग्रेस को दे और उसे संयुक्त विपक्ष का समर्थन हासिल हो. कांग्रेस में शत्रुघ्न सिन्हा, तारिक अनवर और निखिल कुमार के साथ कई अन्य दावेदार भी हैं. तो आरजेडी में भी दावेदारी की लंबी लाइन है. रघुवंश प्रसाद सिंह, शरद यादव, शिवानंद तिवारी, प्रेम गुप्ता के अलावा लालू परिवार के एक सदस्य की भी दावेदारी है.लेकिन ज्यादा उम्मीद बिहारी बाबू के राज्य सभा पहुँचने की है.

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