आम के एक पेड़ पर 10 प्रजातियों के आम का उत्पादन कर रहे मैंगो मैन

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : भागलपुर के जरदालू आम के बारे में तो आपने जरुर सुना होगा.लेकिन आज हम आपको भागलपुर के एक ऐसे mango मैन से मिलवाने जा रहे हैं जिन्होंने एक पेड़ से दस या दस से अधिक प्रजाति के आम का उत्पादन कर सबको हैरान कर दिया है. भागलपुर के तिलकपुर गांव के रहने वाले मैंगोमैन अशोक कुमार चौधरी ने ये प्रयोग कर सबको हैरान कर दिया है. खेती-किसानी में ग्राफ्टिंग तकनीक का इस्तेमाल कर अशोक कुमार चौधरी ने एक ही पेड़ पर दस से अधिक अलग-अलग वेराइटी के आम उगाये हैं. उन्होंने वैज्ञानिक तरीके से ग्राफ्टिंग तकनीक का सहारा लेते हुए आम की एक खास पौध विकसित की है, जिसमें 10 तरह के आम लगे हुए हैं.

अशोक चौधरी की गिनती राज्य के प्रगतिशील किसानों में की जाती है. भागलपुर से GI टैग वाले विश्वप्रसिद्ध जर्दालू आम, जो राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत देश-विदेश के कई VVIP को भेजे जाते हैं. वे आम अशोक चौधरी के बागानों के आम शामिल होते हैं.अशोक चौधरी के पास 10 एकड़ का अपना एक बागान भी है, जहां उन्होंने बागवानी में कई सारे प्रयोग किए हैं. ग्राफ्टिंग तकनीकी उन्हीं प्रयोगों का हिस्सा है. उन्होंने बताया कि उनके बागान में सभी छोटे आम के पेड़ क्रॉस पद्धति या ग्राफ्टिंग पद्धति से तैयार किये हुए हैं. उन्होंने कहा कि क्रॉस पद्धति में अलग-अलग किस्म के जर्दालू, दशहरी, मालदा, बिज्जू, लंगड़ा और कलमी सहित अन्य किस्म के आम के पौधे लगाये जाते हैं. जब ये पौधे करीब 2 फीट से बड़े हो जाते हैं तो उनकी कलम काट कर दूसरे पेड़ की कलम से जोड़ दी जाती है. इसके बाद इस कलम के जोड़ को कपड़े से बांध दिया जाता है, जो करीब 20 से 25 दिन में अच्छे से चिपक कर जुड़ जाती है. अशोक चौधरी ने बताया कि इस तरह 8 से 10 किस्म की आम की पौध तैयार हो जाती है.

मैंगोमैन अशोक चौधरी ने के अनुसार शहर के ​लिए यह तकनीक बड़े काम की है. छत पर बड़े गमले में भी पेड़ लगाकर फलों का मजा लिया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इस तरह के पेड़ डेढ़ से दो साल के बाद फल देने लगते हैं. शहर में जमीन की कमी होती है. ऐसे में यदि घर के आगे क्यारी के लायक थोड़ी सी भी जमीन है, तो वहां पेड़ लगाया जा सकता है. ग्राफ्टिंग पद्धति के जरिये यह कम जगह में उगने वाला पौधा है. इससे एक ही आम के पेड़ में कई किस्म के आम उगाए जा सकते हैं और मजे से उन आमों का स्वाद लिया जा सकता है.

अशोक चौधरी वे लोगों को खेती-बागवानी की तकनीक सिखाते हैं. उनके बागवानी में केवल पांच से आठ फीट के पेड़ पर दस अलग-अलग किस्म के ढेरों आम लगे हुए हैं. वे लोगों को खेती-बागवानी की तकनीक सिखाते हैं. इलाके का भी किसान उनसे जो भी जानकारी लेने पहुंचता है, वे उन्हें खेती और बागवानी के गुर सिखाते हैं. वे दूसरों को रोजगार भी मुहैया करा रहे हैं.लोग उनसे ये तरकीब सीखकर बहुत खुश हैं.

Share This Article