सिटी पोस्ट लाइव :जहरीली शराब से 75 से ज्यादा लोगों की मौत को लेकर बिहार की सियासत में उबाल है.लगातार विपक्ष शराबबंदी पर सवाल उठा रहा है.जहरीली शराब से मरनेवालों के परिजनों को मुवावजा देने की मांग कर रहा है.अभी तक विपक्ष के द्वारा हमला किया जा रहा था और मुख्यमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया दी जा रही थी. अब सरकार के दल भी सरकार पर सवाल उठाने लगे हैं. सरकार में शामिल भाकपा माले ने मुख्यमंत्री के इस बयान को कि जो शराब पीएगा वह मरेगा, को नकारात्मक बताया है और इस बयान को वापस लेने तक की मांग कर डाली है.
भाकपा माले के विधायक महबूब आलम का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह बयान बीजेपी के ऊपर दिए गए प्रतिक्रिया के आधार पर दिया गया है. लेकिन, जो शराबबंदी में मारे गए हैं उनके परिजन उनके बाल बच्चों का क्या दोष है? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद महिलाओं और बच्चियों के लिए लगातार काम कर रहे हैं. इस घटना में जो मारे गए हैं उनके परिवारजनों के लिए कुछ न कुछ सरकार को करना पड़ेगा.भाकपा माले विधायक ने कहा, हमलोगों का एक दल मुख्यमंत्री से मिलेगा और मृतक के परिवार जनों के लिए मुआवजे की मांग करेगा. विधायक महबूब आलम ने यह भी कहा कि इस मामले को बीजेपी राजनीतिक रंग दे रही है और झूठ की राजनीति कर रही है. बीजेपी के कई नेताओं के ऊपर भी शराब के मामले हैं, लेकिन बीजेपी उन मामलों को छोड़कर सरकार पर झूठा आरोप लगा रही है.
गौरतलब है कि छपरा जहरीली हत्याकांड में अब तक 75 लोगों की मौत हो चुकी है., सीवान में भी पांच लोगों की मौत हुई है. इसके साथ ही बेगूसराय में व्यक्ति की जान ‘जहर के जाम’ ने ले ली है. वहीं, नीतीश सरकार की ओर से अब तक यही कहा जा रहा है कि शराब पीकर मरनेवालों के परिजनों को किसी भी प्रकार का मुआवजा नहीं दिया जाएगा. लेकिन, अब सहयोगी दलों के द्वारा भी यहीं मांग की जाने लगी है.अब ये देखना दिलचस्प होगा कि सरकार क्या फैसला लेती है.