“विशेष” : 2 अक्टूबर से पहले पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई को लेकर महाधरना
सिटी पोस्ट लाइव : आज पटना के स्थानीय गर्दनीबाग में वर्ष 2007 से ही जेल में बंद पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई को लेकर न्याय-मंच,बिहार ने महाधरना दिया. महाधरना में कई सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि एवं सामाजिक कार्यकर्ता भी काफी संख्या में शामिल हुए. राज्य सरकार से पूर्व सांसद आनंद मोहन को गाँधी जयंती पर रिहा करने की मांग करते हुए कहा गया कि पूर्व सांसद आनंद मोहन की सजा लगभग पूरी हो चुकी है.मालूम हो की वर्ष 2007 में ही पूर्व सांसद आनंद मोहन को आजीवन कारावास की सजा मिली थी ।उसके पूर्व भी कई महीने उन्होंने इसी केस में जेल में बिताया है. महाधरना का नेत्तृत्व न्याय-मंच,बिहार के संयोजक मनोज लाल दास “मनु” ने की.
महाधरना में न्याय-मंच के सदस्यों के अलावे कई सामाजिक संगठनों मे मुख्य रूप से श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना,सवर्ण सेना,चित्रांश जागरूकता मंच,बढ़ई महासंघ,अ.भा. अपराध विरोधी मोर्चा,करणी सेना(अम्मू पाल गुट),प्रांतीय प्रवासी एवं दलित विकास मंच,यादव महासभा,मिथला एकता मंच, हिन्दू मुस्लिम एकता मंच,श्री राजपूत करणी सेना,राजपूत महासभा,क्षत्रिय महासभा लव-कुश सेना,प्रताप फाउंडेशन, युवा ब्रिगेड,लाल बहादुर शास्त्री विचार मंच,क्षत्रिय सेवा दल,कायस्थ जागरूकता मंच के अधिकारी और कार्यकर्ताओं सहित कई अधिवक्ता,कई सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारी भी शामिल हुए.
धरनास्थल पर अधिवक्ता एम. आर.मलिक की अध्यक्षता और दीपक कुमार सिंह के संचालन में सभा का आयोजन किया गया. सभा को सम्बोधित करते हुए न्याय मंच बिहार के संयोजक मनोज लाल दास “मनु” ने कहा की मंच का स्पष्ट मानना है कि समाजवादी विचारधारा को मानने वाले गाँधी,लोहिया,जे. पी.के सिद्धान्तो पर चलने वाले विधायक और सांसद रह चुके आनंद मोहन जिस केस में आज सजा काट रहे हैं,कहीं ना कहीं उसमे दोष है.परन्तु न्यायालय ने उन्हें जो सजा ढ़ी,उसको स्वीकार कर उन्होंने न्यायपालिका के निर्देश और आदेश का सम्मान किया.आजीवन कारावास की सीमा 14 वर्ष की होती है और जेल मैन्युअल में प्राप्त छूटों को अगर जोड़ दिया जाये तो उनकी सजा कब की पूरी हो चुकी है.श्री मोहन ने आज तक ना तो कभी पैरोल लिया है और ना ही जेल के नियमों के खिलाफ कोई कार्य ही किया है.न्याय-मंच,बिहार ने राज्य के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को ज्ञापन दे कर गाँधी की पावन जयंती के अवसर पर उन्हें रिहा करने की मांग की है.
न्याय-मंच, बिहार अगले सप्ताह दिल्ली में राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री,लोकसभा अध्यक्ष एवं गृहमंत्री को भी ज्ञापन दे कर उनसे पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के लिए समुचित कदम उठाने की अपील करेगा. न्याय-मंच,बिहार को पूर्ण विश्वाश है की विकास के साथ न्याय के रास्ते पे चलने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूर्व सांसद आनंद मोहन के साथ भी न्याय करेंगे. इस कांड में श्री मोहन जब पहली बार गिरफ्तार हुए थे तो माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद कहा था कि श्री मोहन निर्दोष हैं . मंच के मीडिया संयोजक पवन राठौर ने अपने सम्बोधन में कहा कि पूर्व सांसद श्री मोहन ने पर्वत पुरुष दसरथ मांझी के ऊपर कहानी भी लिखी है,जिसे केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के आठवीं वर्ग के हिंदी पाठ्यक्रम “मधुरिका” में शामिल किया गया है.
जिससे देश के छात्र-छात्राएं लाभान्वित हो रही हैं.इसके अलावे श्री मोहन ने जेल से ही “कैद में आज़ाद कलम” और “स्वाधीन अभिव्यक्ति” नामक दो पुस्तकें लिखी हैं जो काफी लोकप्रिय भी हुई हैं.आगे श्री राठौर ने कहा कि आनंद मोहन के द्वारा “गाँधी- कैक्टस के फूल” नामक पुस्तक भी लिखी गयी है,जिसका विमोचन होना,अभी बांकि है.इस तरह के ऊर्जावान साहित्यकार नेता को जेल से रिहा होना ही चाहिए. धरना स्थल पर उपस्थित विभिन्न सामाजिक संगठनों के नेताओं ने महाधरना को सम्बोधित करते हुए कहा की पूर्व सांसद आनंद मोहन के साथ अन्याय हुआ है.श्री मोहन ने न्यायपालिका का सम्मान करते हुए सुकरात की तरह जहर पीने का काम किया है. निर्दोष होने के बाबजूद भी आज जेल की सलाखों में कैद हैं.
हम सभी सामाजिक संगठनो का भी दायित्व बनता है की आनंद मोहन जैसे राजनेता एवं साहित्यकार व्यक्ति की रिहाई के लिए न्याय-मंच,बिहार ने जो निर्णय लिया है उसके साथ कदम मिलाकर चलें और आनंद मोहन की रिहाई के बाबत न्याय-मंच, बिहार,जो भी कार्यक्रम करेगा उसमें हमसभी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगे. सभा को सम्बोधित करने वालो में बिजेंद्र सिंह,ललन सिंह, धनवंत सिंह राठौर,विमल शर्मा,अजय सिंह, नीरज कुमार सिंह,वीणा वर्मा,आशीष मिश्रा,केशव पांडेय, राजेश सिंह,नितेश कछवाहा, शैलेश सिंह,धीरेन्द्र सिंह,राजेश कुमार सिंह,विकास चंदेल, अजित सिंह बागी,नितेश यादव, अमित राय,गौरव बंटी,संजय सिंह,अभिषेक कुमार सिंह, दीपक कुमार,विनय कुमार कर्ण,कौशल सिंह,धनञ्जय सिंह,मृगेंद्र प्रताप सिंह,पवन रजक,अजय कुमार बबलू,मनीष वर्मा,रविकांत पांडेय, नन्द कुमार,सौरभ सागर, बाल्मीकि सिंह,चन्दन सूर्यवंशी, अनिकेत सिंह,सैयद ताबिश, कुमार रुपेश,दिनेश प्रताप, बबलू कुमार,मनोज सिंह, आरीफ मालिक,विक्रम कुमार,किशोर शर्मा, दिनेश प्रताप, आशीष कर्ण, गुड्डू सिंह,शंभु सिंह,राजू सिंह आदि प्रमुख थे.
पटना से पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की “विशेष” रिपोर्ट ।