फिर छलका कांग्रेस का नीतीश प्रेम, अलग होने से पहले नहीं की कोई बात : मदन मोहन झा

City Post Live - Desk

सिटी पोस्ट लाइव : फिर छलका कांग्रेस का नीतीश प्रेम,अलग होने से पहले नहीं की कोई बात- मदन मोहन झा …देश का आम चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है सभी राजनीतिक दल अपनी रणनीति बनाने मैं लग गए हैं। इसी क्रम में कोंग्रस ने हल ही में बिहार प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मदन मोहन झा को दिया है। जानकारों का कहना है कि मदन मोहन को अध्यक्ष बना कर कांग्रेस सवर्ण वोटरों को,विशेष तौर पर ब्राह्मण वोटरों को लुभाना चाहती है। मदन झा बिहार के मिथलांचल क्षेत्र से आते हैं। किसी ज़माने में इस क्षेत्र के सवर्ण वोटरों पर कांग्रेस का एकतरफा राज होता था। बाद मैं कांग्रेस कमजोर होती गई और भाजपा ने अपनी पकड़ बना लिया। राम मंदिर आंदोलन के बाद से ही यहां के सवर्ण समाज के अधिकांश वोटरों का झुकाव भारतीय जनता पार्टी के तरफ रहता है। इसलिए कांग्रेस झा को अध्यक्ष बनाकर भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाने के साथ ही ये भी साबित करना चाहती है कि सवर्ण उनके लिए अछूत नहीं है।

अध्यक्ष बनने के बाद मदन मोहन झा आगे की रणनीति बनाने और अपने आलाकमान को धन्यावाद देने के लिए दिल्ली दौरे पर हैं।मदन मोहन झा का कांग्रेस के साथ लंबा राजनीतिक सफर रहा है लेकिन मिडिया को फेस करने से वो अक्सर बचते रहें हैं। मिडिया से बच कर निकल जाने वाले झा इस बार सिटी पोस्ट लाइव से बच नहीं सकें इस बार उनको हमारे सवालों का सामना करना ही परा। अध्यक्ष बनने के बाद ये पहला मौका था कि झा किसी पत्रकार से बात कर रहें हों।

हमारे संवादाता को दिए गए इंटरव्यू में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कई सवालों का जवाब दिया तो कई महत्वपूर्ण सवालों पर बचते दिखें। अपने पुरे इंटरव्यू में उन्होंने कुछ बातें स्पष्ट रूप से तो नहीं लेकिन इशारों में जरूर कह दिया। जैसे कि हमारे रिपोर्टर ने सवाल पूछा कि :-

सवाल :- क्या नीतीश कुमार महागठबंधन छोड़कर वापस कांग्रेस के साथ आएंगे तो आप लोग स्वागत करेंगे ?
जवाब :- नीतीश पहले भाजपा के साथ सरकार तोड़े ,भाजपा का साथ छोड़े फिर हम विचार करेंगे।

जब हमारे संवादाता ने उनसे जोर देर कर पूछा कि :-

सवाल : मान लीजिए कि नीतीश आपके भाजपा को छोड़कर आपके पास आ जाते तब आप क्या करेंगे ?
जवाब : मुझे पता है कि नीतीश को एनडीए में घुटन हो रही है , वो सेक्युलर रहें हैं लेकिन उनके वापसी का फैसला राहुल गाँधी तय करेंगे।

इसके साथ ही उन्होंने ने अपने अध्यक्ष पद पर नियुक्ति पर चल रहे अंदरूनी क्लेश पर भी खुलकर बोलें

सवाल : एक अध्यक्ष के तौर पर आप अंदरूनी क्लेश को कैसे दूर करेंगे ?
जवाब : मेरे नाम पर कोई विवाद नहीं है ,जब से गोहिल प्रभारी बने हैं संवाद बढ़ा है।

पूरा इंटरव्यू आप हमारे youtube चैनल पर देख सकतें हैं।

रिपोर्ट: नई दिल्ली,आशुतोष झा

Share This Article