सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना जैसी महामारी ने जिंदगी को पूरी तरह बदलकर रख दिया है। संकट के इस सितम ने किसानों पर भी कहर बरपाया है। संकट के इस दौर में जब दुनिया भर के किसान तबाही के कगार पर है तो भला मुजफ्फरपुर की लीची किसानों को कैसे बचा लेगी। मंदी की मार यहां भी है। संकट का असर यहां भी है। दुनिया भर में मशहूर यहां की लीची को दूसरी जगह भेजने में कोई सरकारी अड़चन नहीं है भेजने की कवायद और पैकिंग भी शुरू है
। लेकिन डिमांड नहीं होने की वजह से किसान मायुस है। यह वही लीची है जिसकी मिठास चखने के लिए देश इंतजार करता है। इंतजार तो अब खत्म हो गया है जिले के बागानों से इसे तोड़कर दिल्ली की आजादपुर मंडी में भेजा जाने लगा है लेकिन लाॅकडाउन ने किसानों की कमर तोड़ी है। हर किसान आशंकित है कि लागत भी निकल पायेगी या नहीं। लीची के पुराने किसान मोहम्मद ताज कहते हैं एक तरफ जहां मौसम की मार ने लीची के उत्पादन को बुरी तरह प्रभावित किया है तो दूसरी तरफ जहां इसकी पैदावार ठीकठाक भी हुई है उसके लिए मांग नहीं होने से और व्यापारियों के नहीं आने से किसान मायूस हैं।
जिले के बाहर लीची भेजने वाले प्रमुख व्यापारी आशीष कुमार सिंह कहते हैं हम तो बस इस उम्मीद के साथ हीं लीची को भेजने में लग गये हैं ताकि इसके पहुंचते हीं इसकी मांग बढ़ जाए और हमारी लागत वसूल हो सके। कोरोना संकट की मार से बेहाल दुनियाभर में प्रसिद्ध इस फल को किसान फिर उर्जा और जेश के साथ तैयार कर सके जैसा वो बरसों से करते आ रहे हैं।