सिटी पोस्ट लाइव : एलजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति पारस ने अमित शाह और नीतीश कुमार की मुलाक़ात पर एक बड़ा बयान दिया है.पारस ने चहरे और सीटों के बटवारे को लेकर एक बड़ा बयान दिया है .पशुपति पारस ने कहा कि जेडीयू-बीजेपी के बीच झगडा था .कभी चहरे को लेकर तो कबी बड़े भाई छोटे भाई को लेकर. झगडा जेडीयू के साथ था इसलिए अमित शाह नीतीश कुमार से मिलने आये.उन्होंने कहा कि एलजेपी के साथ बीजेपी का कोई विवाद नहीं है.
गौरतलब है कि पिछले लोक सभा चुनाव में एलजेपी को 7 सीटें मिली थीं. इसमे से 6 सीटों पर एलजेपी के संसद जीते थे. लेकिन इसबार गठबंधन में जेडीयू के शामिल हो जाने के बाद एलजेपी की सीटों में कटौती किये जाने की चर्चा है. सूत्रों के अनुसार बीजेपी ने दो सीटें जेडीयू के लिए छोड़ने को कहा है. एलजेपी इसके लिए तैयार नहीं है. एलजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रामविलाश पासवान के छोटे भाई ने कहा कि रामविलाश पासवान भी बिहार में एक बड़ा चेहरा हैं और उनका एक सॉलिड वोट बैंक है, उन्हें कोई इगनोर नहीं कर सकता . जाहिर है एलजेपी ने बीजेपी के ऊपर अपनी सभी सिटिंग सांसदों की सीटें बचाने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है.
गौरतलब है कि रामविलाश पासवान अपने वैशाली के रामा सिंह से नाराज चल रहे हैं और उनको इसबार टिकेट से बे-दखल करने की चर्चा है. दूसरे सांसद महबूब अली केशर खगड़िया से सांसद हैं. पिछलीबार मोदी लहर में वो खगड़िया से चुनाव तो जीत गए लेकिन इसबार उनके जीत की संभावना बहुत कम है. इस सीट का जातीय समीकरण बिलकुल महबूब अली केशर के अनुकूल नहीं है. लेकिन पासवान उनको सीट से बेदखल नहीं करेगें. उनके लिए अलग सीट चाह रहे हैं. लेकिन बीजेपी की नजर इन्हीं दो सीटों पर टिकी है.
.लेकिन एलजेपी इसे छोड़ने के मूड में नहीं है. एलजेपी का कहना है कि बीजेपी प्रमुख दल है, उसकी जिम्मेवारी सहयोगी दलों को साथ लेकर चलने की है और बलिदान उसे ही देना होगा.पशुपति पारस के बयान से बीजेपी नेताओं ओ सांप सूंघ गया है. कोई नेता पासवान के खिलाफ बोलने को तैयार नहीं है. बीजेपी के नेता टाइगर ने कहा कि सीटों के बटवारे को लेकर अब कोई विवाद नहीं है. समय आने पर सबकुछ चुटकी बजाते फाइनल हो जाएगा .