बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़, भेड़-बकरी की तरह गाड़ी में लादकर कर रहे हैं सरकारी कोरम पूरे
सिटी पोस्ट लाइव : यूं तो सरकार की लगभग सारी योजनाओं को घुन्न लग गए हैं। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण शिक्षा विभाग, जिससे बच्चों का भविष्य और सारे सपने जुड़े हुए हैं, वह विभाग भी लूट और लापरवाही की बड़ी ईबारत लिख रहा है। सहरसा के नवहट्टा प्रखंड के नौला उत्क्रमित मध्य विद्यालय के बच्चे और बच्चियों को एक छोटे वाहन में भेड़-बकरियों की तरह भीतर और बाहर लादकर लाया गया है। सरकार की एक योजना है कि मिडिल स्कूल के बच्चे-बच्चियों को साल में एक बार परिभ्रमण कराना है। इन बच्चों के ज्ञानवर्धन के लिए किसी पर्यटन स्थल पर इन्हें ले जाना है और उन्हें ज्ञान पान कराना है। इसके लिए सरकार बच्चों की संख्यां के मुताबिक राशि देती है। यह राशि अमूमन 25 हजार से एक लाख तक की होती है। नौला से ये बच्चे सहरसा जिला मुख्यालय स्थित मत्स्यगंधा चौंसठ योगिनी धाम घूमने आए हैं।
लेकिन इनके लाने का तरीका बेहद जोखिम भरा है। देखिए गाड़ी में बच्चे नीचे कैसे ठूंसे हुए हैं और गाड़ी की छतपर कैसे लदे हुए हैं। क्या परिभ्रमण का यह तरीका जायज है? क्या स्कूल प्रबंधन बच्चों की जान लेना चाहता है? इस तरीके से बच्चे का कैसा ज्ञानवर्धन होगा? कोई बड़ी घटना घटने से पहले, सरकार को इस नंगे सच को देखना होगा। इस स्कूल के प्रधानाध्यापक और जिम्मेवार शिक्षकों पर कठोर कारवाई की जानी चाहिए। हमारे कैमरे को देखकर मौके से सभी शिक्षक फरार हो गए और सहरसा डीओ इस मसले पर कैमरे पर कुछ भी बोलने से इनकार करते रहे। वैसे तस्वीरें कभी झूठ नहीं बोलती हैं। सूबे के मुखिया नीतीश बाबू, देखिए आपके सुशासन में बच्चों की जिंदगी से कैसे खेलने के लिए गुरुजी तैयार बैठे हैं। हम इस मामले में बड़ी कारवाई चाहते हैं, जिससे ऐसी जोखिम भरी गलती फिर से ना की जा सके।
पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप से सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट
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