सिटी पोस्ट लाइव :बिहार की दो विधान सभा सीटों के लिए हो रहा उप-चुनाव तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार के लिए बहुत मायने रखता है.वैसे इस चुनाव में कांग्रेस के महागठबंधन से अलग हो जाने से नीतीश कुमार की मुश्किल आसान हो गई है.ऐसे में अगर तेजस्वी यादव चुनाव जीतने में कामयाब हो जाते हैं तो उनका कद बहुत बढ़ जाएगा.पहले खबर आई थी कि चुनाव प्रचार के लिए लालू प्रसाद भी आयेगें.लेकिन अब लालू यादव ने अपना फैसला बदल दिया है.राजनीतिक पंडितों के अनुसार लालू यादव को पता है कि उनके चुनाव प्रचार करने के बाद अगर जीत मिलती है तो सारा श्रेय तेजस्वी की जगह उनको मिल जाएगा और अगर हार गये तो सत्ता पक्ष को ये कहने का मौका मिल जाएगा कि लालू यादव अब बिहार की राजनीति से out हो चुके हैं.
राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव दोनों ने इसकी वजह लालू की खराब तबीयत को बताया है. लेकिन सच्चाई ये है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की अहमियत पार्टी में लालू प्रसाद किसी की कीमत पर बनाए रखना चाहते हैं. लालू परिवार के प्रारंभिक आकलन के मुताबिक दोनों सीटों पर राजद प्रत्याशियों की स्थिति ठीक दिखने लगी है. ऐसे में लालू को चुनाव प्रचार में अगर लगाया जाता है तो जीत का श्रेय पूरी तरह तेजस्वी यादव को नहीं मिल सकेगा. लोग कहने लगते कि राजद प्रमुख की मेहनत से ही जीत मिली है. जबकि लालू चाहते हैं कि विधानसभा के आम चुनाव की तरह उपचुनाव में भी तेजस्वी की ही महत्ता स्थापित हो. इसलिए प्रचार के लिए आने का फैसला फिलहाल टल गया है.
चुनाव प्रचार के लिए लालू को 22 अक्टूबर को पटना आनेवाले थे.25 अक्टूबर को कुशेश्वरस्थान और 27 अक्टूबर को तारापुर में जनसभा को संबोधित करना था. बिहार की राजनीति को लालू के प्रचार का इंतजार था. किंतु इसी बीच राबड़ी देवी का बयान आ गया कि राजद प्रमुख इलाज में हैं. वह चुनाव प्रचार में नहीं आ रहे हैं. इंटरनेट मीडिया पर मीसा भारती द्वारा लालू की जारी तस्वीरों का हवाला देते हुए कहा जाने लगा कि लालू तो स्वस्थ दिख रहे हैं. फिर भी आने का प्लान क्यों टाल दिया गया?
दरअसल कुछ दिन पहले तेजप्रताप ने लालू प्रसाद को दिल्ली में मीसा भारती के आवास में बंधक बनाए जाने का आरोप लगाया था. किसी का नाम तो नहीं लिया था, लेकिन उनका इशारा तेजस्वी यादव की ओर था. तेजप्रताप के आरोपों का उपचुनाव में गलत संदेश जाता. इसलिए लालू के पटना आने की बात प्रचारित की गई. स्वयं लालू ने भी राजद कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण शिविर को आनलाइन संबोधित करते हुए कहा था कि डाक्टरों की इजाजत लेकर वह जल्द ही पटना आएंगे. अब बदले हालात में आने की जरूरत नहीं समझी जा रही है इसलिए प्रचार के आखिरी दौर में लालू ने इरादा बदल दिया है.