सिटी पोस्ट लाइव, रांची: चारा घोटाले मामले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को बड़ा झटका लगा है। उन्हें अभी जेल में ही रहना होगा। शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट ने दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में जमानत देने से इनकार करते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी। लालू प्रसाद ने आधी सजा काट लेने का दावा करते हुए जमानत देने का आग्रह किया था, लेकिन सीबीआई ने इसका विरोध किया और लालू प्रसाद की आधी सजा कम होने में कम से कम दो माह शेष रहने की दलील दी। करीब चार घंटे तक सुनवाई करने के बाद जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने माना की लालू प्रसाद का दावा सही नहीं है और उनकी आधी सजा पूरी होने में करीब 60 दिन कम है। ऐसे में उन्हें जमानत प्रदान नहीं की जा सकती। जमानत खारिज होने के बाद लालू प्रसाद को अब 60 दिनों के बाद फिर से हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर करनी होगी। लालू प्रसाद पर चारा घोटाले से संबंधित पांच मामले चल रहे हैं। चार मामलों में उन्हें दोषी करार देते हुए सजा सुनायी गयी है। इनमें तीन मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी है।
दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआई कोर्ट ने लालू प्रसाद को दो अलग अलग धाराओं में सात -सात साल की सजा सुनायी है। इस मामले में लालू प्रसाद की ओर दावा किया गया था कि सात साल की सजा में उन्होंने 42 महीने से अधिक की अवधि काट ली है। इस कारण उन्हें जमानत मिलनी चाहिए। लालू की तरफ से दलील पेश करते हुए वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि चारा घोटाले से संबंधित आरोपी जगदीश शर्मा, दयानंद कश्यप और सुनील गांधी को आधी सजा पूरी नहीं होने के बावजूद हाईकोर्ट ने जमानत प्रदान की है। लालू प्रसाद की तबीयत भी ठीक नहीं है। वह गंभीर रूप से बीमार हैं, इस आधार पर भी वह जमानत के हकदार हैं।
सीबीआई की ओर से दलील पेश करते हुए वरीय अधिवक्ता राजीव कुमार सिन्हा ने कहा कि लालू प्रसाद का दावा सही नहीं है। दुमका कोषागार मामले में उन्हें रिमांड में लेने में विलंब किया गया है। जब तक रिमांड में नहीं लिया जाता तब तक दूसरे मामले की सजा की गणना नहीं की जा सकती। इसके समर्थन में सीबीआई की ओर से लालू प्रसाद के सभी मामलों के आदेश की कॉपी और संबंधित दस्तावेज भी पेश किए गए।