सिटीपोस्टलाईव:( मुस्कान ) चारा घोटाले में फंसे लालू यादव तमाम पूजा पथ के वावजूद भी आखिर क्यों एक के बाद दुसरे संकट में फंसते जाते हैं.लालू जी के लिए पूजा पाठ करनेवाले एक पंडित जी की मानें तो लालू जी पूजापाठ तो करते हैं लेकिन पंडितों की सलाह नहीं मानते.आखिर पंडितों की कौन सलाह जिसे नहीं मानने के कारण लालू यादव को पूजापाठ से वांछित लाभ नहीं मिलता? पंडितों का कहना है कि पहले भी लालू यादव को भगवान शिव का सपने में दर्शन हुआ था और उन्होंने उन्हें मांस के सेवन से मना किया था .उस वक्त लालू यादव खुद मिडिया से कहते थे कि भगवान शिव ने स्वप्न में आकर उन्हें मांसाहार का सेवन नहीं करने को कहा है. हालांकि बाद में उन्होंने अंडा को फल बताकर उसे ग्रहण करना शुरू कर दिया था.फिर मांसाहार भी शुरू कर दिया .
गौरतलब है कि पिछले साल नवम्बर महीने में लालू ने जैसे ही ज्योतिषाचार्य शंकर चरण त्रिपाठी को राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोनीत किया उनकी सलाह पर परिवार पर आए संकट से बचने के लिए मांसाहार को छोड़ने देने का वायदा किया और प्रेस के सामने एलान भी .लेकिन तेजप्रताप की शादी के दूसरे दिन अपने समधी के घर गए लालू यादव के मुंह में मछली-भात देखकर पानी आ गया.उन्होंने अपना वडा तोड़ दिया और जमकर मछली-भात खाया.लालू के करीबी लोगों का कहना है कि मछली की बात हो तो लालूजी के लिए वादे का पालन करना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि लालू मछली के बहुत शौ कीन हैं. बेनामी संपत्ति के आरोपों से घिरे लालू प्रसाद और उनके परिवार को ज्योतिषी और पंडित शुरू से ही मांसाहार नहीं करने की सलाह देते रहे हैं .लालू यादव वायदे भी करते रहे हैं लेकिन हरबार उसे तोड़ते भी रहे हैं.