सिटी पोस्ट लाइव :कोरोना के संकट से बिहार में हाहाकार मचा हुआ है लेकिन फिर भी स्वास्थ्य महकमा की आँख नहीं खुल रही.पाटलिपुत्र अशोक होटल जिसे कोरेंटाईन सेंटर बनाया गया है, वहां रह रहे लोगों की जान खतरे में है.गौरतलब है कि संक्रमित लोगों को वहां रखा गया है.वहीँ पर उनका ईलाज भी हो रहा है.लेकिन वहां भर्ती लोगों के अनुसार बुधवार की रात से वहां मरीजों को इंजेक्शन नहीं दिया जा रहा है.एक मरीज के रिश्तेदार के अनुसार बुधवार सुबह तक सबकुछ ठीकठाक था लेकिन शाम से नर्सेज इंजेक्शन नहीं लगा रही हैं.उनका कहना है कि कोरेंटाईन सेंटर में इंजेक्शन नहीं मिलेगा.
सवाल ये है कि जब यहाँ ईलाज नहीं होगा, मरीजों को इंजेक्शन नहीं दिया जा रहा है तो उन्हें यहाँ रखा क्यों गया है?क्या उन्हें यहाँ मारने के इए रखा गया है?सबसे बड़ा सवाल- कलतक कैसे मरीजों को इंजेक्शन मिल रहा था और किसके आदेश से बुधवार से इंजेक्शन देने पर रोक लगा दी गई?मरीजों के रिश्तेदारों के अनुसार अगर इंजेक्शन नहीं मिला तो अगले कुछ घंटे में इस कोरेंटाईन सेंटर में दर्जनों लोगों की जान जा सकती है.मरीजों के परिजनों के अनुसार यहाँ के स्वास्थ्यकर्मी किसी बात को लेकर आपस में भीड़ गए और उसी के बाद से इन्हें इंजेक्शन नहीं दिया जा रहा है.
सिटी पोस्ट लाइव मरीजों के परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं करता लेकिन जब अरीजों के परिजन आरोप लगा रहे हैं तो मामले की तुरत जांच तो होनी ही चाहिए.अगर थोड़ी भी देर हुई तो कई लोगों की जान जा सकती है.गौरतलब है कि यहीं पर कोरोना टेस्ट भी होता है.जो संक्रमित होते हैं उन्हें दवाइयां भी दी जाती है और जगह उपलब्ध रहने पर यहीं उन्हें कोरेंटाईन सेंटर में रखा भी जाता है.लेकिन जब ईलाज ही नहीं करना है तो यहाँ अरीजों को रखे जाने का क्या मतलब है?