सिटी पोस्ट लाइव : आज ये बात तो साफ़ हो गई कि सोनिया गांधी भी वीआइपी पार्टी के नेता मुकेश सहनी को भाव नहीं दे पा रही हैं.लेकिन वो किसी कीमत पर उपेन्द्र कुशवाहा और मांझी को अपने साथ बनाए रखना चाहती है. आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की तरफ से बुलाई गई विपक्षी दल के नेताओं की बैठक में आरएलएसपी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने किसानों का सवाल को बखूबी उठाया. उपेंद्र कुशवाहा ने कोरोना संकट को लेकर बुलाई गई बैठक में बिहार के किसानों की बदहाली की चर्चा की है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि बिहार में मौसम की मार किसान झेल रहे हैं लिहाजा कोरोना की मार दोगुनी हो गई है.
उपेंद्र कुशवाहा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत विपक्षी दल के अन्य नेताओं की मौजूदगी में बिहार की स्थिति पर विस्तार से अपनी बात रखी है. कुशवाहा ने कहा कि किसानों को कोरोना वायरस की मार भी झेलनी पड़ रही है. जबकि पोल्ट्री उद्योग से जुड़े लोग अफवाह की वजह से मंदी का शिकार हो गए हैं. चिकन खाने से कोरोना फैलने की अफवाह उड़ने मात्र से पूरा पोल्ट्री उद्योग बर्बाद हो गया है. लोगों के पास खाने को पैसे नहीं है और विपक्ष को एकजुटता के साथ किसानों की समस्या उठानी चाहिए.
उपेंद्र कुशवाहा ने विपक्ष के नेताओं के सामने विंदुवार तरीके से कुछ बातें भी रखी हैं. कुशवाहा ने कहा है कि आपदा की इस घड़ी में हमें ज्वलंत मुद्दों को उठाकर सरकार के सामने रखना चाहिए. सरकार से उस पर एक्शन की मांग करनी चाहिए और अगर ऐसा नहीं होता है तो हम उपवास के जरिए सांकेतिक विरोध भी दर्ज करा सकते हैं.गौरतलब है कि लोक सभा चुनाव के बाद से केवल उपेन्द्र कुशवाहा ही विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं.कभी केंद्र सरकार तो कभी बिहार सरकार के खिलाफ आन्दोलन करते रहते हैं.तेजस्वी यादव से ज्यादा सक्रियता उपेन्द्र कुशवाहा की पिछले दो सालों में दिखी है.