जिसको न्याय दिलाने चले थे तेजस्वी उसी ने उन्हें कर दिया बेनकाब, जानिए क्या है मामला?

City Post Live

 

सिटी पोस्ट लाइव :गोपालगंज तीहरे हत्याकांड को लेकर राजनीति करना तेजस्वी यादव के लिए महंगा सौदा साबित होता जा रहा है.गौरतलब है कि 30 लाख से ज्यादा संख्या में बिहार लौटे प्रवासियों की समस्या को जोरशोर से उठाने के बजाय तेजस्वी यादव गोपालगंज तीहरे हत्याकांड को लेकर ही लगातार  नीतीश सरकार की घेराबंदी मे जुटे हुए हैं.लेकिन  अब वे खुद ही सवालों के घेरे में फंस गए है. 02 जून को नेता प्रतिपक्ष व राजद नेता तेजस्वी यादव लॉ एंड आर्डर को लेकर फेसबुक लाइव कर रहे थे. इस दौरान वे मीडिया से भी मुखातिब हो रहे थे. 02 जून को तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर हमला बोलने के दौरान बिहार में खासकर गोपालगंज (Gopalganj) में पूर्व में हुए कई हत्याकांडों का जिक्र किया. इस हत्याकांड में तेजस्वी यादव ने भाजपा के दिवंगत नेता कृष्णा शाही (Late BJP leader Krishna Shahi) की भी हत्या को लेकर सरकार पर सवाल उठाये थे और कृष्णा शाही की पत्नी को न्याय दिलाने की मांग की थी. लेकिन तेजस्वी यादव की इस बयान को लेकर दिवंगत भाजपा नेता कृष्णा शाही की पत्नी शांता शाही (Shanta Shahi, wife of Krishna Shahi) ने तेजस्वी यादव पर राजनीति करने और तब की तत्कालीन सरकार में उपमुख्यमंत्री होने के नाते कोई कारवाई नहीं करने का भी आरोप लगाया है.

शांता शाही का फेसबुक पर यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है. शांता शाही ने तेजस्वी यादव पर आरोप लगाया है कि उनके पति कृष्णा शाही की हत्या 19 जुलाई 2017 में कर दी गयी थी. तब बिहार में राजद और जदयू गठबंधन की सरकार थी. तेजस्वी यादव तब उपमुख्यमंत्री थे. तब गोपालगंज के तत्कालीन एसपी तेजस्वी यादव के करीबी रिश्तेदार थे और एसपी ने महज 07 घंटे में इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार कर लेने का दावा किया था.

शांता शाही के अनुसार घटना भी फुलवरिया थानाक्षेत्र में हुई थी. वह तेजस्वी यादव का गृह थानाक्षेत्र है. इस केस का आइओ और अन्य सभी लोग तेजस्वी यादव के समाज से आते थे. इस मामले में तेजस्वी यादव सिर्फ एक या दो लोगो का नाम क्यों ले रहे हैं. जबकि उन्हें इस मामले में अन्य लोगों का नाम क्यों नहीं याद आ रहा है. उन्होंने कहा कि तब भाजपा नेता प्रतिपक्ष में बैठे भाजपा के नेता यहां उनके दुख में शामिल होने आये. तब वे उपमुख्यमंत्री थे. तब वे यहां नहीं आये.

शांता शाही ने कहा कि घटना के बाद न्याय के लिए वे तेजस्वी यादव के कार्यालय में कई बार मिलने की कोशिश की. वे फुलवरिया भी आये थे तब भी उन्होंने यहां आना उचित नहीं समझा. तीन साल तक तेजस्वी को कृष्णा शाही की हत्या का उन्हें ख्याल नहीं आया. लेकिन आज जब चुनाव होने वाले हैं तब वे राजनीती कर रहे है. तब वे भूमिहार समाज को न्याय की बात कर रहे हैं. वे यहां जाति के आधार पर समाज को बांटने का काम कर रहे हैं.

शांता शाही ने कहा कि घटना के बाद नीतीश सरकार में जब तेजस्वी यादव नहीं है तब उनकी बातों को रखा गया. उनके कहे अनुसार जांच हुई, लेकिन अब तेजस्वी यादव गन्दी राजनीति कर रहे हैं. तेजस्वी कहते हैं प्रशासन ने उन्हें मदद नहीं दी. उन्हें सुरक्षा नहीं दी. तब क्या वे सुरक्षा देने आये थे. आज यहां का सरकार और प्रशासन उन्हें सुरक्षा दे रहा है.शांता शाही ने कहा कि आज तेजस्वी अपने समाज के भी नहीं है. जब बलेसरा में हत्या हुई थी उनकी समाज के मुखिया का तब वे क्यों नहीं आये.आज डीजीपी ने उन्हें पूरी मदद की, लेकिन आज वे कृष्णा शाही की हत्या के मामले में न्याय की बात करते हैं.

गौरतलब है कि बिहार के गोपालगंज में हुए ट्रिपल मर्डर केस पर जारी सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है और विपक्ष बिहार पुलिस पर भी संगीन आरोप लगा रहा है. इस बीच बिहार के DGP गुप्तेश्वर पांडेय (DGP Gupteshwar Pandey) ने इस मामले में अपना बयान सोशल मीडिया के माध्यम से जारी किया है. डीजीपी ने कहा है कि इस ट्रिपल हत्याकांड मामले में प्रत्यक्षदर्शी के बयान को पुलिस ने दर्ज किया है और पूरी निष्पक्षता के साथ जांच की जा रही है.उन्होंने पुलिस पर दबाव में काम करने के लग रहे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जिस दिन उन्हें दबाव में काम करना पड़ेगा वो नौकरी छोड़ देगें.उन्होंने कहा कि पुलिस पर कोई दबाव नहीं है और ना ही उसके कामकाज में कोई  हस्तक्षेप है.

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