.सिटी पोस्ट लाइव : “आप सब मुझे बधाई देने के लिए बुके के साथ खड़े हैं. आप सभी को लग रहा होगा कि आपका भाई मुख्यमंत्री बन गया है और इससे आप सभी खुश हैं. मगर मैं इससे खुश नहीं हूं. मैं गठबंधन की सरकार के दर्द को जानता हूं. मैं अपना दर्द बिना बांटे हुए पी रहा हूं. जो किसी जहर से ज्यादा कुछ नहीं है. मैं इस हालात से खुश नहीं हूं. आगे उन्होंने कहा कि मैं नीलकंठ की तरह बन गया हूं, और जो इस सरकार के दर्द को भी निगल लिया है”, ये दर्द है कर्णाटक के मुख्यमंत्री कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन वाली सरकार का नेतृत्व कर रहे सीएम कुमारस्वामी के .अपना दुःख जाहिर करते हुए स्वामी रो पड़े .
अब सबके जेहन में यहीं सवाल है -कर्नाटक में कैसी गठबंधन सरकार चल रही है ? गठबंधन सरकार के मुखिया एचडी कुमारस्वामी तो राजकाज चलाने के वजाय क्यों रोते फिर रहा है ? दरअसल, मुख्यमंत्री राज्य की जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना चाहते हैं लेकिन उतर नहीं पा रहे .सोशल मीडिया आजकल उनके खिलाफ “ मेरे सीएम नहीं “ नाम से चल रहे कंपेन से वो इतने आहत हुए कि बोलते बोलते रो पड़े .शनिवार को बेंगलुरु में अपने सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम में भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि वह सीएम की कुर्सी पर बैठक खुश नहीं हैं.
कुमारस्वामी बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में यह बोल रहे थे. इससे पहले भी कुमारस्वामी ने राज्य में जद (एस) को बहुमत नहीं मिलने का जिक्र करते हुए कहा था, ‘मुझे इस बात का भी दुख है कि आवाम ने मुझमें भरोसा नहीं जताया है.’ उन्होंने कहा, ‘हमलोग पांच साल के लिए स्थायी सरकार देंगे. हम जनता के लिए काम करेंगे. हम यहां अपना व्यक्तिगत हित साधने नहीं आए हैं. कुमारस्वामी ने कहा कि न तो वह और न ही देवेगौड़ा परिवार कभी सत्ता के लिए लालायित रहा है. उन्होंने कहा कि उनलोगों का अधिकतर राजनीतिक जीवन विपक्ष में ही व्यतीत हुआ है.
गौरतलब है कि कुमारस्वामी ने राज्य में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार का पहला बजट पेश करते हुए 34 हजार करोड़ रुपये का किसानों का कर्ज माफ कर दिया. हालांकि कर्जमाफी के साथ सरकार ने कुछ शर्तें भी रखी हैं जिसके तहत किसानों के 2 लाख रुपये तक के कर्ज माफ किए जाएंगे. कुमारस्वामी ने कहा, ‘कोई नहीं जानता कि कर्ज माफी के लिए अफसरों को मनाने के लिए मुझे कितनी बाजीगरी करनी पड़ी है. अब मैं ‘अन्ना भाग्य योजना’ में 5 किलो चावल की बजाय 7 किलो चाहता हूं. मैं इसके लिए कहां से 2500 करोड़ रुपये लेकर आऊं? टैक्स लगाने के लिए मेरी आलोचना हो रही है. इन सबके बावजूद मीडिया कह रही है कि मेरी कर्ज माफी योजना में स्पष्टता नहीं है.’