झाविमो ने भारतीय जनता पार्टी में विलय की दिशा में एक और कदम बढ़ाया

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झाविमो ने भारतीय जनता पार्टी में विलय की दिशा में एक और कदम बढ़ाया

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 के बाद राज्य में तेजी से बदलते राजनीतिक समीकरण के बीच झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) ने भारतीय जनता पार्टी में विलय की दिशा में एक और कदम बढ़ा दिया है। झाविमो का भाजपा में विलय की कोशिशों का खुलकर विरोध कर रहे पार्टी विधायक बंधु तिर्की को मंगलवार को दल विरोधी गतिविधियों के कारण आज संगठन से निष्कासित कर दिया गया। वहीं पार्टी के दूसरे विधायक प्रदीप यादव को लेकर भी अटकलों का बाजार गर्म है। राजनीतिक हलकों में ऐसी चर्चा है कि भाजपा में विलय का विरोध करने के बाद प्रदीप यादव भी संगठन से खुद को अलग कर सकते है। विधानसभा चुनाव 2019 में पार्टी प्रमुख बाबूलाल मरांडी के अलावा बंधु तिर्की और प्रदीप यादव समेत झाविमो के तीन विधायक चुनाव जीत कर आये है। विधायक बंधु तिर्की के पार्टी से निष्कासन के बाद अब संगठन में दो विधायक बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव बच गये है। झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी द्वारा हाल में दिये गये बयान और उनकी ओर से उठाये जा रहे राजनीतिक कदम को देखकर यह माना जा रहा है, जल्द ही केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक में प्रस्ताव पारित कर पूरी पार्टी के भाजपा में विलय का फैसला ले लिया जाएगा।

भाजपा में झाविमो के विलय को लेकर आ रही संवैधानिक अड़चनों को दूर करने के लिए 5 जनवरी को झाविमो की सभी कमेटियों को भंग कर दिया गया था और 16 जनवरी को कमेटी का पुनर्गठन किया गया, तो उसमें विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को स्थान नहीं दिया गया। पुरानी कमेटी में प्रदीप यादव पार्टी के केंद्रीय प्रधान महासचिव थे और बंधु तिर्की महासचिव थे, लेकिन नई कमेटी में दोनों को सिर्फ केंद्रीय कार्यसमिति के सदस्य के रूप में रखा गया।

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