केन्द्रीय बजट के ठीक पहले JDU ने दुहराई विशेष दर्जे की मांग, गरमाई राजनीति.

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सिटी पोस्ट लाइव :JDU के राष्ट्रिय अध्यक्ष ललन सिंह ने बजट की पूर्व संध्या पर फिर से बिहार के लिए विशेष दर्जे की पार्टी की मांग को दुहराई है.आज मंगलवार को पेश होनेवाले केंद्रीय आम बजट से ठीक पहले बिहार में विशेष राज्‍य के दर्जे (Special Status For Bihar) के मांग कर राजनीति को गरमा दिया है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (Lalan Singh) ने आम बजट के ठीक पहले ट्वीट किया जो कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर था. इसके साथ ही ललन सिंह ने एक वीडियो क्लिप के माध्यम से भी सोशल मीडिया फोरम पर अपनी बात रखी.

ललन सिंह द्वारा ट्वीट किए गए इस वीडियो में कहा गया है कि बिहार को अगर विशेष राज्य का दर्जा मिलता है, तो बिहार की प्रति व्यक्ति आय पांच गुणा बढ़ जाएगी. जदयू अध्‍यक्ष ने इसके लिए बिहार के ही कुछ राज्यों का हवाला दिया है. ललन सिंह ने कहा कि जिन पहाड़ी और दुर्गम राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त है, वहां प्रति व्यक्ति आय बिहार से अधिक है. जैसे विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड में प्रति व्यक्ति आय 2.25 लाख है (वर्ष 2019-20 का आंकड़ा देते हुए) वहीं सिक्किम की प्रति व्यक्ति आय पांच लाख रुपए है लेकिन इस अवधि में बिहार की प्रति व्यक्ति आय मात्र 50 हजार रुपए ही है.

ललन सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा है कि बिहारवासियों के हक में हम सभी लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग लगातार कर रहे हैं. इसके समर्थन में बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों सर्वसम्मत प्रस्ताव भी पारित हुआ है. ललन सिंह के साथ-साथ मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने भी केंद्र की मोदी सरकार से बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग की है. आम बजट को लेकर पूर्व सांसद ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बजट में बिहार को विशेष राज्य और विशेष पैकेज मिलना चाहिए.

पूर्व सांसद ने कहा कि जिस तरह से बिहार में बेरोजगारी है, सरकार युवाओं के रोजगार के लिए क्या कर रही है, निश्चित तौर पर आम बजट में उसकी घोषणा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों की जो उपज है, उसके लिए समर्थन मूल्य तय होनी चाहिए. साथ ही बिहार में फूड प्रोसेसिंग यूनिट भी ज्यादा से ज्यादा लगे, जिससे कि युवाओं को रोजगार मिले इन सब बातों पर भी चर्चा आम बजट में होनी चाहिए.

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