सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल आज दूसरे दिन भी जारी है। बुधवार को एक साथ राज्य के सभी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे। 12 घंटे बाद भी जूनियर डॉक्टरों और सरकार के बीच वार्ता को लेकर कोई पहल नहीं हुई है।
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का बुरा असर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था पर पड़ रहा है। जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से बिहार के सभी 9 मेडिकल कॉलेज प्रभावित हैं, जहां ओपीडी और इमरजेंसी सेवा पर इसका प्रतिकूल असर देखने को मिल रहा है।जूनियर डॉक्टरों की मांग स्टाइपेंड में बढ़ोतरी को लेकर है, जिसको लेकर सभी ने हड़ताल की घोषणा की है। डॉक्टरों का कहना है कि हड़ताल अनिश्चितकालीन होगा।
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से ओपीडी और इमरजेंसी सेवा ठप हो गई है। डॉक्टर सिर्फ कोविड ड्यूटी ही दे रहे हैं। जेडीए की मानें तो 2017 में ही राज्य सरकार ने हड़ताल के बाद भरोसा दिया था कि हर 3 साल पर स्टाइपेंड की राशि मे बढ़ोतरी होगी लेकिन 2020 खत्म होने को है और अब तक स्टाइपेंड की राशि नहीं बढ़ाई गई जिसके बाद सभी हड़ताल पर चले गए हैं।
जेडीए को रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी समर्थन दिया है और मांगों को जायज बताया है। हड़ताल की जानकारी डॉक्टरों ने अस्पताल के प्राचार्य के साथ स्वास्थ्य विभाग को भी पत्र लिखकर दे दी है।