NMCH पहुंचे अधिकारी से उलझे जूनियर डॉक्टर्स, मरीजों का हाल बेहाल
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल माना जाने वाला एनएमसीएच इन दिनों अव्यवस्थित चल रहा है. अस्पताल के मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टर ही नहीं हैं. पिछले तीन दिनों से मरीज को स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल पा रहा है. अस्पताल की हालत यह है कि मरीज पड़े कराह रहे हैं. देखने और इलाज करने वाला कोई नहीं है. अस्पताल में इनकी देख-रेख के लिए वरिष्ठ डॉक्टरों को फिलहाल जिम्मेवारी सौंप दी गई है. बावजूद सिर्फ 12 प्रतिशत मरीजों का ही इलाज किया जा रहा है.
अस्पताल की हालत और मरीजों की स्थिति अस्त-व्यस्त होने के कारण और डॉक्टरों को से वार्ता करने अस्पताल पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव कौशल किशोर को भारी विरोध का सामना करना पड़ा. वार्ता के बीच में ही जूनियर डॉक्टर भड़क गए और बैठक का बहिष्कार कर दिया. इस दौरान जूनियर डॉक्टरों ने स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. इससे गुस्साए अपर सचिव बैठक छोड़कर अस्पताल से निकल गए.
बाद में आक्रोशित जूनियर डॉक्टर नालंदा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और अस्पताल अधीक्षक से भी उलझ गए. विभिन्न मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और अस्पताल अधीक्षक को खरी-खोटी सुनाई. गौरतलब है कि डॉक्टरों की सुरक्षा, प्रभारी अधीक्षक और शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष को हटाए जाने, अस्पताल में बहाल सुरक्षा एजेंसी को बदलने और अस्पताल में संसाधनों के विकास समेत अन्य मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टर पिछले 3 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं.