जंगलराज Vs राक्षसराज, तेजस्वी बोले- 15 साल में हुए 55 घोटाले.
सिटी पोस्ट लाइव : RJD नेता तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार के करीब आने की खबर के बीच एकबार फिर से JDU और RJD के बीच घमाशान शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने बीते एक मार्च को JDU के कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार पर विरोधी लॉ एंड ऑर्डर को लेकर सवाल खड़ा कर रहे हैं. लेकिन, वो भूल जाते हैं कि RJD के 15 साल के राज को जंगलराज कहा जाता था. इसी बयान के बाद नेता प्रतिपक्ष और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने सीएम नीतीश पर हमला बोलते हुए नीतीश सरकार की तुलना राक्षसराज से कर दी है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश सरकार में कई ऐसी घटनाएं घटी हैं, जिससे मानवता भी कांप जाती है. मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में जो कुछ भी लड़कियों के साथ हुआ उससे पूरा देश सकते में आ गया था. बिहार में लगातार बलात्कार और गैंगरेप जैसी घटनाएं घट रही हैं, लेकिन उसे रोकने की कोशिश नीतीश सरकार नहीं कर रही है. इससे साफ़ है कि बिहार में राक्षसराज है.
तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश के सुशासन के दावे पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि बिहार में बीते 15 साल के दौरान 55 घोटाले हुए हैं. मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड एवं सृजन घोटाला तो केवल उदाहरण मात्र हैं. सरकार के लोग आरजेडी के काल को ‘जंगलराज’ कहते हैं तो यह कैसा राज है? ये तो राक्षसराज है.
हम आँकड़ो के साथ नीतीश जी के 15 वर्षों मे हुए कथित विकास,भ्रष्टाचार,अपराध और बेरोजग़ारी पर विमर्श कर प्रगतिशील सकारात्मक राजनीति कर रहे है लेकिन वो इससे भाग रहे है.बिहार की 60% युवा आबादी को नया बिहार,नयी दिशा और दृष्टि चाहिए।थकाऊ और उबाऊ लोगों के नकारात्मक रूटीन भाषण नही चाहिए.
तेजस्वी यादव के राक्षसराज कहने पर हमला बोलते हुए जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि जंगलराज में क्या होता था, यह देश और दुनिया जानती है. RJD राज में कई नरसंहार हुए. लोगों का अपहरण और किसी की हत्या हो जाना आम बात थी. अपहरण को तो तब धंधा बना लिया गया था. ऐसे लोग हमारी सरकार को राक्षसराज कहते हैं. जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में सारे दोषियों को जेल की सज़ा हो गई ये शायद तेजस्वी को दिखाई नहीं देता. दरअसल, इसी साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में एक दूसरे के विरोधी दल आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू कर चुके हैं.