27 जून को फिर पीड़िता और शिबली महिला आयोग के सामने होंगे पेश, डीएसपी बेगुनाही के देंगे सबूत

City Post Live - Desk

सिटी पोस्ट लाइव : पटना के तत्कालीन डीएसपी लॉ एंड आर्डर और वर्तमान में मुंगेर डीएसपी के पद पर तैनात शिबली नोमानी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पटना में एक ब्यूटी पार्लर संचालिका के साथ छेड़खानी के मामले में न्याय दिलाने के एवज में सेक्सुअल फेवर मांगने का आरोप लगा है. इस आरोप के बाद उन्हें पटना से हटाकर मुंगेर भेज दिया गया था. महिला आयोग ने उन्हें आज बुधवार को हाजिर होने का आदेश दिया था. जिसके बाद वे बुधवार को आयोग के सामने पेश हुए. महिला आयोग की अध्यक्षा ने खुद पूछताछ की. जिसमें नोमानी अपने ऊपर लगाये गए आरोपों को मानने से इंकार कर रहे थे, लेकिन उनके सामने बैठी पीड़ित महिला अपने आरोप पर टिकी हुई थी. महिला का कहना है कि डीएसपी बार-बार अपना बयान बदल रहे हैं. उन्होंने पहले कहा कि उसके घर गए ही नहीं थे, जबकि अब अपने बयानों को बदलते हुए कहा है कि पुलिस कर्मियों के साथ झगड़ा सुलझाने गए थे.

तक़रीबन एक घंटे से ज्यादा समय तक महिला आयोग में चली पूछताछ में नोमानी पर पीडिता ने कई आरोप लगाये. जबकि हर बात को नोमानी झूठा करार देते रहे. महिला आयोग की अध्यक्षा दिलमणि मिश्रा दोनों की बातों को सुनने के बाद उन्हें एक और तारीख दी है. जिसमें आरोपों की पुष्टि की जायेगी. दिलमणि मिश्रा ने कहा कि मामला गंभीर होने के कारण आयोग जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं ले सकती. जो तथ्य और सबूत पीडिता और डीएसपी की ओर से दिए गए हैं. उसपर सघन जाँच कर ही मामले पर फैसला दिया जा सकता है. इसलिए दोनों पक्षों को एकबार फिर 27 जून को हाजिर होने के लिए कहा गया है. ताकि नोमानी अपनी बेगुनाही का सबूत पेश कर सके. उन्होंने कहा पीड़ित महिला के द्वारा लगाये गए आरोपों पर आयोग बेहद गंभीर है इसलिए मामले पर निष्पक्ष होकर सुनवाई करना चाहती है.

गौरतलब है कि राजीव नगर में ब्यूटी पार्लर चलानेवाली महिला ने आरोप लगाया था कि उसके साथ छेड़खानी के मामले में डीएसपी शिब्बली रात साढ़े दस बजे उसके घर आये .उसके साथ अभद्र बातें कीं.उसे अपने साथ हुए छेड़खानी के मामले में न्याय दिलाने के एवज में लड़की की मांग की. जब उसने मना किया तो उसे ही अपने घर आने के लिए कहा.और जब उसने मना कर दिया तो उसके छेड़खानी के मामले को जमीं विवाद बता दिया. पीड़ित महिला काफी डरी-सहमी है. उसका आरोप है कि महिला आयोग का व्यवहार भी सहयोगात्मक नहीं है. एक वकील ने उसे बहुत सताया है.

कुंदन कर्ण के साथ संजीव आर्या की रिपोर्ट 

Share This Article