सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के पलामू, हजारीबाग और दुमका में बने तीन नये मेडिकल कॉलेजों में मापदंड के अनुरुप आधारभूत सुविधाओं की कमी का हवाला देकर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया, एमसीआई ने नामांकन पर रोक लगा दी है। इन कॉलेजों में 300 मेडिकल सीट कम हो जाने से झारखंड के छात्र-छात्राओं का डॉक्टर बनने का सपना टूट जाएगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एमसीआइ को पत्र लिखकर कहा है कि वे जल्द ही आधारभूत संरचना को दुरुस्त कर देंगे। परंतु इस साल एमसीआइ अपने फैसले पर अड़ा रहा तो राज्य के तीन नये मेडिकल कॉलेजों में दाखिला नहीं हो पायेगा और नीट क्वालिफाइ कर 300 छात्रों का डॉक्टर बनने का सपना टूट जायेगा। जिन तीन कॉलेजों में नामांकन पर रोक लगायी गयी है वे हैं- मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल मेदिनीनगर, शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल हजारीबाग और फूलो झानो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल दुमका। पिछली बार इन तीनों कॉलेजों में 100-100 एमबीबीएस सीटों पर नामांकन कराये गये थे।
बताया गया है कि राज्य के इन तीन नये कॉलेजों में अबतक लैब तैयार नहीं हो सका है। तीनों कॉलेजों में अब तक एनॉटॉमी, बायोकेमेस्ट्री, फिजियोलॉजी, माइक्रोबॉयोलॉजी और पैथोलॉजी में लैब की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। साथ ही फैकल्टी की कमी को भी आधार बनाया गया था. स्टाफ की भी नियुक्ति पूरी नहीं हो पायी है, जिस कारण एमसीआई ने नामांकन पर रोक लगायी है। दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के अधिकारियों का कहना है कि पिछले सत्र में भी नामांकन देर से हुआ था, इस साल भी अनुमति मिलने पर देर में नामांकन होने की संभावना है। झारखंड में मेडिकल की काफी कम सीट है, जिसके तहत रांची के रिम्स में 180, एमजीएम जमशेदपुर में 50, पीएमसीएच धनबाद में 50 और एम्स देवघर में 50 सीट के अलावा तीन मेडिकल कॉलेजों मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल मेदिनीनगर में 100, शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल हजारीबाग में 100 और फूलो झानो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में 100 सीट शामिल है। इधर, इस बार नीट में झारखंड से 15,337 स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया था। इनमें से 14,838 ने परीक्षा दी और 9,039 नीट में क्वालिफाइ हुए, यानी जितने अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी, उसमें से 60.9 प्रतिशत ने पास की।जबकि राष्ट्रीय औसत 56.2 से ज्यादा रहा।