CM को गुस्सा आया तो पुलिस ने BSNL के दो ​अधिकारियों को उठा लिया घर से

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CM को गुस्सा आया तो पुलिस ने BSNL के दो ​अधिकारियों को उठा लिया से

सिटी पोस्ट लाइव : आम आदमी तो कॉल ड्राप और नेटवर्क की समस्या से परेशान रहता ही है लेकिन टेलिकॉम कंपनियों के अधिकारियों और कर्मचारियों को इसकी परवाह नहीं रहती है. लेकिन जब ये समस्या किसी बड़े वीआइपी के साथ हो जाए तो क्या हो सकता है, ये जानकार आप हैरान हो जायेगें.अपने अधिकारियों को सार्वजनिकरूप से फटकार लगाने के लिए जाने जानेवाले झारखंड के सीएम रघुवर दास के निशाने पर BSNL के दो अधिकारी आ गए. सीएम साहब के मोबाइल में नेटवर्क नहीं आया तो CM साहब को गुस्सा आ गया. उन्हें गुस्सा आया तो पुलिस ने BSNL के दो अधिकारियों को घर से ही उठा लिया.

आम तौर पर हम और आप नेटवर्क की समस्या होने पर मन मार के रह जाते हैं. लेकिन इसी समस्या से जब झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास घिर गए तो पुलिस ने भारत संचार निगम लिमिटेट (बीएसएनल) के दो अधिकारियों को उनके घर से उठा लिया. मामला सोमवार रातका है. सीएम राज्य के दुमका में जन चौपाल कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुचे थे. इस दौरान मुख्यमंत्री रघुबर दास राजभवन में रुके थे. जहां उनके मोबाइल में नेटवर्क नहीं आ रहा था. नेटवर्क नहीं आने को लेकर सीएम ने नाराजगी भी जाहिर की.फिर क्या था पुलिसवालों ने BSNL के दो अधिकारियों को धर दबोचा.

सीएम दास नराज हुए तो पुलिसवाले  तुरंत एक्शन में आ गए. बीएसएनएल के डिस्ट्रिक्ट मैनेजर पीके सिंह और असिस्टेंट जूनियर टेलीकॉम ऑफिसर संजीव कुमार को उनके घर से उठा लिया.दोनों अधिकारियों को सजा के तौर पर तीन घंटे थाने में बैठा के रखा गया. इसके बाद रात करीब तीन बजे दोनों को छोड़ दिया गया. टाउन पुलिस स्टेशन ऑफिसर देवव्रत पोद्दार ने बताया कि  राजभवन में BSNL के नेटवर्क नहीं आ रहे थे. इसी लिए पुलिस ने दो अधिकारियों को घर से उठा लिया. गौरतलब है कि इस बात का कोई पता नहीं चल सका है  कि पुलिस द्वारा बीएसएनएल के दोनों अधिकारियों को उठाने के बाद सीएम के मोबाइल में नेटवर्क आया या नहीं. शायद आ भी गया हो तभी तो 3 घंटे की सजा के बाद दोनों अधिकारियों को छोड़ दिया गया.

गौरतलब है कि मोबाइल फोन में पीछले कुछ सालों से कॉल ड्रॉप की बड़ी सस्याएं आ रहीं हैं. इस समस्या का एक मूल कारण नेटवर्क का फ्लकचुएट होना है. यानि सबसे बड़ी समस्या नेटवर्क की है. लेकिन यह परेशानी केवल आम लोगों के लिए है. क्योंकि अगर कीसी वीवीआईपी के साथ ये होता है तो सीधे अधिका​री ही उठा लिए जाते हैं. ये कोई किस्से वाली बात नहीं बल्की हकिकत है. झारखंड के सीएम से रघुवर दास से यह मामला जुड़ा हुआ है.

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