सिटी पोस्ट लाइव : जेडीयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने पहली बार पटना पहुंच कर खूब शक्ति प्रदर्शन किया था। पटना एयरपोर्ट से लेकर जेडीयू कार्यालय तक राजधानी की सड़कों पर हजारों गाड़ियों का काफिला उतर गया था। गाजे-बाजे फूल-मालाओं से अध्यक्ष को लाद दिया गया था और हाथी-घोड़े के बीच भव्य जुलूस निकाला गया। अब बारी है राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ कर केन्द्र में मंत्री बने आरसीपी सिंह का जिनके स्वागत की तैयारी भी जोर-शोर से चल रही है। समर्थकों का दावा है कि उनका स्वागत ललन सिंह से भी ज्यादा भव्य होगा। यानि जेडीयू के अंदर ये ताजा-ताज ‘वेलकम पॉलिटिक्स’ खूब शबाब पर है।
जेडीयू कोटे से एक मात्र केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह मंत्री बनने के बाद पहली बार 16 अगस्त को पटना आ रहे हैं। इस मौके पर उनके भव्य स्वागत की तैयारी चल रही है। होड़ यह जताने की लगी है कि हाल ही में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने ललन सिंह के स्वागत समारोह से यह समारोह हर हाल में बीस हो।दरअसल, ललन सिंह 6 अगस्त को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनकर पहली बार जब पटना आये थे तो उनका जबरदस्त स्वागत हुआ था। ऐसे में केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के समर्थक, उनकी स्वागत की ऐसी तैयारी करने में जुटे हैं जो ललन सिंह के स्वागत समारोह पर भारी पड़े।
बता दें कि राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह 6 अगस्त को जब ललन सिंह पटना एयरपोर्ट पहुंचे तो गाजे बाजे के साथ उनका भव्य स्वागत किया गया। खुली जीप में बैंड बाजे का हुजूम और तामझाम इतना कि ललन सिंह को एयरपोर्ट से पार्टी दफ्तर की 8 किलोमीटर की दूरी तय करने में 3 घंटे लगे।पूरा शहर जाम हो गया था। पार्टी दफ्तर में भी उनका भव्य स्वागत हुआ। पूरे रास्ते और उनके स्वागत का वेबकास्ट हुआ। कई चैनलों ने इसका लाइव कवरेज तक किया।
अब बारी आरसीपी सिंह की है. केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार 16 अगस्त को वह पटना आ रहे हैं।उनके स्वागत के लिए भी तमाम तामझाम किए जा रहे हैं। एयरपोर्ट से निकलने के बाद उनके स्वागत में भी कार्यकर्ताओ का हुजूम बैंड के साथ तो रहेगा ही, लेकिन उनके स्वागत का कार्यक्रम जेडीयू के दफ्तर में नहीं, बल्कि मिलर हाई स्कूल के मैदान में होगा। जहां पंडाल बनाने की तैयारी शुरू हो गई है।
दरअसल ललन सिंह और आरसीपी के सिंह के बीच खटपट तब शुरु हुई जब राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से आरसीपी को केन्द्रीय मंत्रिमंडल में कौन शामिल होगा ये तय करने का मौका मिला और वे इस मौके को झटकते हुए खुद मंत्री बन बैठे जबकि ज्यादा चर्चा ललन सिंह के नाम की थी। ललन सिंह की नाराजगी दूर करने के लिए उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के नवाजा गया लेकिन दोनों ही नेताओं जो पहले काफी करीबी हुआ करते थे एक दूसरे के बीच खटास पैदा हो गयी । नतीजतन दोनों ही नेता एक दूसरे को शक्ति प्रदर्शन कर अपनी सियासी ताकत का अहसास कराना चाहते हैं।