सिटी पोस्ट लाइव : मध्य प्रदेश की शिवराज चौहान सरकार के तर्ज पर बिहार में भी रामचरितमानस को सिलेबस में शामिल करने की मांग उठने लगी है.मध्य प्रदेश की शिवराज चौहान सरकार के फैसले की तर्ज पर बिहार में नीतीश सरकार से रामचरितमानस को सिलेबस में शामिल करने की मांग बीजेपी ने उठाई है. मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government ) ने उच्च पाठ्यक्रमों में रामचरितमानस और रामायण (Ramcharitmanas and Ramayana) के साथ-साथ राम सेतु (Ram Setu) के बारे में जानकारी के शामिल किया है. बिहार में भाजपा (BJP) के नेताओ ने भी ये मांग शुरू कर दी है कि प्रदेश के स्कूल कॉलेजों में भी रामचरित मानस व रामायण से जुड़े कथानाकों को पाठ्यक्रमों का हिस्सा बनाया जाए.
बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार बबलू (Bihar Minister Neeraj Kumar Bablu) ने कहा कि बिहार के स्कूलों और कॉलेजों में भगवान श्री राम (Lord Shree Ram) से जुड़ी तमाम जानकारियों को सिलेबस में शामिल किया जाए ताकि लोग अधिक से अधिक भगवान श्री राम के बारे में जान सकें.हालांकि भाजपा के कई नेताओं की तरफ से लगातार ये मांग उठाए जाने के बाद JDU के सामने परेशान खड़ी होने लगी है. इस बारे में जब बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी से सवाल किया गया तो वे जवाब देने से बचते दिखे. बस इतना भर कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव सामने नहीं आया है. लेकिन, साथ ही ये भी कहा जिन्हें जो भी पढ़ना है वो पढ़े, किसने रोका है?
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार ने नया सिलेबस जारी किया है इसके अनुसार रामचरित मानस का व्यावहारिक ज्ञान के नाम से एक पूरा पेपर होगा जिसमें छात्रों को रामचरित मानस से जुड़े आदर्शों का अध्ययन कराया जाएगा. यह विषय केवल हिंदी और दर्शन शास्त्र के प्रोफेसर ही पढ़ाएंगे. दर्शन शास्त्र के पहले साल के छात्र अब रामायण का पाठ भी पढ़ेंगे. उच्च शिक्षा विभाग ने इसका सिलेबस तैयार किया है और इसकी 100 नंबर की परीक्षा होगी.