सिटी पोस्ट लाइव :कल शनिवार है.इसबार ये शनिवार बिहार की राजनीति के लिए बेहद ख़ास हो सकता है.शनिवार को RJD की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर और JDU नेता उपेंद्र कुशवाहा के आवास पर दही-चूड़ी महाभोज का आयोजन किया गया है. दोनों ही जगहों पर दही-चूड़ा भोज की जोरशोर से तैयारी चल रही है.राबडी देबी के आवास पर 15 हजार से अधिक लोगों के खाने का इंतजाम है.उपेन्द्र कुशवाहा ने 25 हजार लोगों के खाने का इंतजाम किया है.जाहिर है इसबार दही चूरा का भोज बड़े पैमाने पर हो रहा है.
लालू यादव के हनुमान ,RJD के विधायक भोला यादव के अनुसार राबड़ी आवास पर आयोजित महाभोज में 35 क्विंटल चूड़ा आ चुका है. 40 क्विंटल दही का ऑर्डर किया गया है, लेकिन 50 क्विंटल तक दही के खपत की उम्मीद है. इसलिए और मंगाया जाएगा. न चूड़ा की कमी होगी, न ही दही की. दही- चूड़ा के अलावा भूरा, तिलकुट और दो तरह की सब्जी का इंतजाम है. एक सब्जी आलू, गोभी और मटर की रहेगी और एक मीठी सब्जी कदीमा की होगी.25 हजार लोग भी आएंगे, तब भी दही और चूड़ा की कोई कमी नहीं होगी. RJD नेता का कहना है कि लालू प्रसाद ने जो दही-चूड़ा भोज के जिस परंपरा को शुरू किया था वह आगे भी जारी रहेगी.
JDU नेताओं के अनुसार पूरे बिहार के हर जिले से कार्यकर्ता भोज खाने आ रहे हैं. हर कार्यकर्ता अपनी श्रद्धा से कुछ न कुछ लेकर आ रहे हैं. 20 क्विंटल चूड़ा और 35 क्विंटल दही का इंतजाम किया गया है. गया का तिलकुट होगा। भागलपुर के कतरनी चूड़ा के साथ पश्चिम चंपारण का भी चूड़ा है. कार्यकर्ता भी दही चुडा लेकर आ रहे हैं.25 हजार लोगों को खिलाने की व्यवस्था है.खास बात ये है कि RJD और JDU ने दही-चूड़ा भोज का आयोजन एक ही दिन 14 जनवरी को किया है.पहले दोनों के महाभोज अलग अलग दिन होते थे.इसलिए यह माना जा रहा है कि इस बार का भोज शक्ति प्रदर्शन भी है. उपेंद्र कुशवाहा के आवास से पूरे बिहार के महत्वपूर्ण कार्यकर्ताओं को एक-एक कर फोन किया जा रहा है और भोज के लिए आमंत्रित किया जा रहा है.
राबड़ी आवास पर 14 जनवरी को लालू प्रसाद की कमी खलेगी. वे किडनी ट्रांसप्लांट के बाद सिंगापुर में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. लालू भोज में रहते थे तो खुद से दही परोसते थे. वैसे नेताओं को भी दही परोसते देखा जाता था, जिन्होंने उन्हें चारा घोटाला मे जेल भिजवाने का काम किया.लालू प्रसाद जब पटना में होते थे तो सुबह से ही राबड़ी देवी के आवास का गेट आम-खास सभी के लिए खुल जाता था. लालू प्रसाद खुद पत्रकारों व अन्य लोगों को फोन कर दही-चूड़ा भोज में आने का न्योता देते थे. लालू प्रसाद की कमी को पूरा करने की कोशिश में जुटे तेजस्वी यादव को कितनी सफलता मिलती है कल पता चलेगा.