दलित-महादलित को गोलबंद करने में जुटा JDU, हर जिले में होगा सम्मेलन

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दलित-महादलित को गोलबंद करने में जुटा JDU, हर जिले में होगा सम्मलेन

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में सभी राजनीतिक दल चुनावी रणनीति में जुट गए हैं. महागठबंधन में तेजस्वी यादव कांग्रेस के बहाने सवर्णों को और मांझी के बहाने दलितों को साधने में जुटे हैं. वहीं जेडीयू का जोर दलित-महादलित वोट बैंक को साधने पर है.जेडीयू के महासचिव आरसीपी सिंह पहले भी दलितों-पिछड़ों को साधने के लिए पुरे प्रदेश में मार्च कर चुके हैं.  आज मंगलवार 18 सितंबर को प्रदेश कार्यालय में दलित प्रकोष्ठ के नेताओं के साथ बैठक की.. इस बैठक के दौरान दीवाली से पहले पूरे सूबे में दलित-महादलित सम्मेलन कराने की घोषणा की गई है. मिली जानकारी के अनुसार इस दलित-महादलित सम्मेलन कराने के लिए जदयू ने 6 टीमें बनाई है.ये सभी टीम अभी से दलितों-पिछड़ों को गोलबंद करने में जुट जायेगी.

पार्टी सूत्रों के अनुसार पार्टी के महा-सचिव आरसीपी सिंह पहले ही हर जिलों में रैली और रोड मार्च कर ग्राउंड तैयार कर चुके हैं. अब दलित और पिछड़े प्रकोष्ठ के नेता आगे की जिम्मेवारी संभालेगें. यह टीम दलितों-महादलितों और पिछड़ों को अपने पक्ष में गोलबंद करने के लिए  बिहार के 38 जिलों में सम्मेलन करेगी. जिलों के बाद प्रमंडल स्तर पर भी सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान दलित समाज के लोगों से संवाद कायम किया जाएगा. उनकी समस्याओं को सुना जाएगा. उन्हें सरकार के द्वारा उनके लिए किये गए कार्यों की जानकारी दी जायेगी. सरकार ने उनके लिए क्या काया कल्याणकारी योजनायें चल रही हैं, ये बताया जाएगा और योजनाओं की हकीकत के बारे में भी फीड बैक लिया जाएगा.

जेडीयू ने दलितों- महा-दलितों और पिछड़ों को साधने के साथ साथ सवर्णों को पार्टी से जोड़ने की रणनीति पर भी काम कर रही है. इसी रणनीति के तहत उन्होंने प्रशांत किशोर को पार्टी में नंबर दो का स्थान दिया है. सूत्रों के अनुसार सवर्ण समाज के और भी तेज तरार्र लोगों को पार्टी से जोड़ने की कोशिश की जा रही है. वैसे तो सवर्णों का ध्यान रखने का काम जेडीयू पहले बीजेपी पर छोड़ देता था. लेकिन इसबार सवर्णों को पार्टी से जोड़कर चलने की रणनीति पर भी काम हो रहा है.

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