JDU विधायक के पति पूर्व MLA ने CM नीतीश को दे दी है खुली चुनौती.

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सिटी पोस्ट लाइव : कहाँ JDU के नेता RJD और CONG में विधायकों के बीच भगदड़ मचने की भविष्यवाणी कर रहे थे उलटे JDU में ही भगदड़ मचने के संकेत मिलने लगे हैं. जेडीयू विधायक के पति व पूर्व विधायक ने अपनी ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के न्याय के साथ विकास के दावे पर सवाल उठा दिया है.पूर्व विधायक ने सीएम नीतीश को  जमकर खऱी-खोटी सुनाया है और कहा है कि मुख्यमंत्री मुंह में राम बगल में छूरी वाली वाली कहावत चरितार्थ कर रहे हैं.ये हमला विरोधियों ने नहीं बल्कि JDU  के  फूलपरास के वर्तमान विधायक गुलजार देवी के पति देवनाथ यादव ने की है.

देवनाथ यादव जेडीयू के विधायक रह चुके हैं और मर्डर केस में सजायाफ्ता होने के बाद 2010 में इन्होंने अपनी पत्नी को  जेडीयू के टिकट पर फूलपरास से चुनावी मैदान में उतारा. तब से गुलजार देवी JDUके टिकट पर यहां की विधायक हैं.जेडीयू विधायक गुलजार देवी के पति व पूर्व विधायक देवनाथ यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से काफी गुस्से में हैं. उन्होंने बजाप्ता वीडियो जारी कर मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाया है.उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री मुंह में राम और बगल में छुरी वाली कहावत चरितार्थ कर रहे हैं.उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री का न्याय के साथ विकास का नारा छलावा है. नीतीश कुमार के संरक्षण में बिहार में अपराध फल-फूल रहा है. नीतीश कुमार नारा देते हैं कुछ और करते कुछ और हैं.

देवनाथ यादव ने कहा है कि उनके क्षेत्र के एक दलित को 2 सालों से कैद करके रखा गया है.उसे निकलने नहीं दिया जा रहा है.इसको लेकर हर जगह गुहार लगाई गई लेकिन कोई मदद नहीं मिली.उनका आरोप है कि खुद विधायिका भी मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री से मिलकर न्याय  की गुहार लगा चुकी हैं.लेकिन मुख्यमंत्री तो विरोधियों से मिले हुए हैं.ऐसे में गरीब प्रसादी साफी को न्याय नहीं मिल सकता. उल्टे जो जुल्म ढा रहा उसे मुख्यमंत्री महान समाजसेवी बता रहे हैं.

जेडीयू विधायक के पति ने कहा कि ताराकंत कामती के निधन पर मुख्यमंत्री उसे महान समाजसेवी बता रहे है लेकिन वह आदमी नहीं बल्कि कुत्ता था.कुत्ता के मरने पर कह रहे कि वह समाज सेवी था.मुख्यमंत्री कुत्ता के मरने पर कह रहे कि अपूरणीय क्षति हुई है.जो एक कुत्ता से अधिक नहीं था उसको नीतीश कुमार समाजसेवी बता रहे हैं. विधायक पति देवनाथ यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रसादी साफी को न्याय दें.अगर न्याय नहीं देते हैं तो नीतीश कुमार निंदा के पात्र हैं.उनके कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर है.

देवनाथ यादव ने आगे कहा कि हम जुल्म बर्दाश्त नहीं करेंगे चाहे जो हो जाए.अगर हमें फुलपरास सीट छोड़ना भी पड़े तो छोड़ देंगे. लेकिन किसी पर जुल्म हो और हम चुप रहें यह संभव नहीं.हम वही करते हैं जो कहते हैं.चाहे प्राण रहे या जाय. हमें कोर्ट ने चुनाव लड़ने से अयोग्य करार दे दिया है. अगर एक गरीब को न्याय नहीं मिला तो पत्नी को भी चुनाव नहीं लड़ायेंगे.आप क्षेत्रीय विधायक का नहीं सुन रहे तो किसका सुनेंगे.जब तक प्रसादी साफी न्याय नहीं मिलेगा तब तक हम नीतीश कुमार की प्रशंसा नहीं कर सकते.

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