सिटी पोस्ट लाइव : नए साल में JDU की लाटरी लग गई है.पिछले 15 दिन में पार्टी फण्ड में 100 करोड़ रूपये का इजाफा हो गया है.पार्टी के कार्यकर्ताओं-नेताओं ने ये स्वैच्छिक चंदा देकर पार्टी का खजाना भर दिया है.पार्टी के सूत्रों के अनुसार आम लोगों का भी सहयोग मिल रहा है और मार्च तक चंदा की रकम 300 करोड़ रुपए तक पहुँच सकती है.अगर आमलोग JDU को चंदा दे रहे हैं तो इसका मतलब साफ़ है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकप्रियता आज भी कायम है.
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में JDU को जोरदार झटका लगा था और मात्र 43 सीट पाकर JDU सिमट गई थी. लेकिन उसके बाद से पार्टी को मजबूत करने के लिए लगातार नीतीश कुमार कोशिश कर रहे हैं.पार्टी को मजबूती पैसे से भी मिलती है.JDU लगातार इस प्रयास में लगा हुआ है कि पार्टी को आर्थिकरूप से कैसे मजबूत किया जाए. JDU ने स्वेच्छा से पार्टी के लोगों के साथ साथ जनता से JDU को चंदा से मदद करने की अपाल की थी. JDU के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के अनुसार JDU ने स्वेच्छा से लोगों से और अपनी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता से अपील की थी जिसका इतना अच्छा परिणाम आएगा ये नहीं सोचा था. फिलहाल जो जानकारी है उसके मुताबिक लगभग सौ करोड़ रुपए का आंकड़ा चंदा ने छू लिया है.
उमेश कुशवाहा ने दावा के साथ-साथ उम्मीद जाहिर की है कि मार्च तक JDU को लगभग 300 करोड़ रुपया तक की राशि चंदा के रूप में मिल जाएगी. उमेश कुशवाहा ये भी कहते हैं कि चंदा का संग्रहण पूरी तरह से पारदर्शी है और इसे जब हम चुनाव आयोग को देंगे तो सार्वजनिक भी हो जाएगा और लोग देख भी सकते हैं.JDU के इस दावे से RJD हैरान है.RJD के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा कि पैसा काला धन का है और JDU ने अधिकारियों और नेताओं के माध्यम से उगाहे गए काले धन को सफेद करने की कवायद शुरू की है.