सिटी पोस्ट लाइव : जाति आधारित जनगणना पर केन्द्र सरकार का रुख सामने आने के बाद बिहार की सियासत में भूचाल आ गया है। विपक्ष तो विपक्ष सत्ता पक्ष के बीच भी खलबली मची हुई है। सीएम नीतीश कुमार दिल्ली रवाना हो गये हैं जहां वे इस मसले पर बीजेपी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे इस बीच जेडीयू की तरफ से बड़ा बयान सामने आया है। पार्टी ने कह दिया है कि जातीय जनगणना पर कोई समझौता नहीं करेंगे सत्ता से ज्यादा जनता का हित जरुरी है।
जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने इस मसले पर कहा है कि बिहार से दो बार सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा गया कि जातीय जनगणना होनी चाहिए। बीजेपी ने भी इसका समर्थन किया था। सीएम नीतीश बिहार सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल लेकर पीएम से मिलने आए थे। इस डेलिगेशन में बीजेपी कोटे के मंत्री भी शामिल थे। अब इन सबके बाद केंद्र सरकार का कहना कि जातीय जनगणना नहीं करा सकते बहुत ही आश्चर्यजनक है। हम लोग सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इंतजार करेंगे।
जेडीयू सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार जातीय जनगणना नहीं कराएगी तो बिहार में नीतीश कुमार कराएंगे। कर्नाटक के तर्ज पर बिहार सरकार खुद जातीय जनगणना कराएगी। बीजेपी से जदयू का गठबंधन है। बिहार में सरकार भी चल रही लेकिन सत्ता सुख भोगने के लिए नीतीश कुमार और जेडीयू को सरकार नहीं चाहिए। नीतीश के लिये सत्ता का मतलब जनता की सेवा और जनता का हित है।
सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि नीतीश ने कभी अपने परिवार के सदस्यों को टिकट नहीं दिया। उनका एक बेटा है, जो राजनीति में नहीं है। वह अपने परिवार के लोगों को ठेका भी नहीं दिलवाते हैं। उनको सिर्फ जनता की सेवा से मतलब है। हम लोगों की नजर में सत्ता का मतलब यही है। ऐसा नहीं है कि इस मुद्दे पर हमलोग बीजेपी से गठबंधन तोड़ देंगे, लेकिन जातीय जनगणना हमलोग हर हाल में करवा कर रहेंगे।