एक ही फेज में चुनाव कराने की मांग, विपक्ष ने किया डिजिटल प्रचार का विरोध.

City Post Live

 

सिटी पोस्ट लाइव :अब बिहार विधान सभा चुनाव के समय से होने की संभावना बढ़ गई है.राजनीतिक दल तो चुनावी मोड़ में आ ही चुके हैं, राज्य निर्वाचन आयोग भी चुनाव की तैयारी में जुटा  हुआ है.कोरोना संकट के बीच बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए आज राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी दलों के साथ बैठक की. प्रदेश की सत्तासीन पारिटी ने चुनाव आयोग के एक ही फेज में चुनाव संपन्न कराने की मांग की है..आज बिहार विधान सभा चुनाव को लेकर आयोग द्वारा बुलाई गई  सर्वदलीय बैठक में बीजेपी से प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय शामिल हुए, जबकि जेडीयू से संसदीय दल के नेता ललन सिंह, आरसीपी सिंह और जलसंसाधन मंत्री संजय झा शामिल हुए. आरजेडी से भोला यादव, वृषिण पटेल, और प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह बैठक में शामिल हुए.

चुनाव आयोग के साथ मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की बैठक में कोरोनाकाल में चुनाव प्रचार और चुनाव कराने को लेकर कई सुझाव राजनीतिक दलों को दिए गए. जनता दलयू ने चुनाव आयोग से मांग की कि एक फेज में ही चुनाव हो. जदयू सांसद ललन सिंह ने कहा कि एक फेज में चुनाव हो और जरूरत पड़े तो सेंट्रल गवर्नमेंट के कर्मचारी को भी लगाया जाए.उन्होंने आयोग से मांग की कि दो तरह से चुनाव प्रचार हो. एक उम्मीदवार वोट मांगने जाए और दूसरा रैली को लेकर जो डिजिटल प्लेटफॉर्म है उसको लेकर आयोग विचार करे. लेकिन ललन सिंह के इस प्रस्ताव का RJD के साथ-साथ सभी वामदलों ने डिजिटल रैली का जमकर विरोध किया. सभी ने कहा कि किसी भी हालत में डिजिटल रैली नहीं हो. जनता के बीच जाने का मौका मिले.RJD  ने कहा कि जनता के बीच जाने की इजाजत सोशल डिस्टेंस के साथ मिले. इसके लिए आयोग नियम-कानून बनाए.

RJD  के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह ने कहा कि किसी भी हालत में डिजिटल रैली का हमारी पार्टी विरोध करती है.जगदानंद सिंह ने यह भी कहा कि आयोग संवैधानिक संस्था होते हुए भी अपनी विश्वसनीयता खोता जा रहा है. जगदानंद सिंह ने एक फेज में चुनाव कराए जाने पर कहा कि यह फैसला आयोग को करना है. बिहार संभवतः पहला राज्य होगा जहां कोरोना महामारी के बीच विधानसभा चुनाव होगा. इसलिए आयोग ने कई तरह की तैयारियों के निर्देश दिए हैं. बताया जा रहा है कि इस बार कोविड पेशेंट और अधिक उम्र के मतदाताओं को भी डाक से मतदान की की छूट दी जाएगी. इतना ही नहीं, इस बार आधुनिक पी-3 इवीएम और वीवीपैट का इस्तेमाल विधानसभा चुनाव में किया जाएगा.

बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवासन ने मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ सर्वदलीय बैठक में जारी नई दिशा निर्देश का पालन करने की अपील सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से की. प्रचार के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग पर भी जोर दिया गया.बताया जा रहा है कि चुनाव कार्य में लगने वाले सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए पीपीई किट दिया जाएगा. मतदान केंद्रों और सहायक मतदान केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है.

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