सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधान सभा चुनाव से पहले एकबार फिर से बिहार को विशेष राज्य की दर्जा दिए जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग को लेकर पहले भी बड़ा आंदोलन-“हस्ताक्षर अभियान “ चला चुके हैं. यूपीए शासनकाल में इस डिमांड को लेकर आक्रामक और मुखर रहने वाले नीतीश कुमार मौजूदा वक्त में इस डिमांड को लेकर थोड़े ठंडे पड़ते नजर आए हैं. यही वजह है कि नीतीश के राजनीतिक विरोधी यह सवाल पूछते रहे हैं कि अब जब केन्द्र और बिहार दोनों जगहों पर एनडीए की सरकार हो तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं मिला.
जेडीयू को भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा वाली अपनी डिमांड याद आती है.बिहार सरकार में मंत्री और जेडीयू नेता अशोक चैधरी ने आज कहा कि विशेष राज्य का दर्जा हर बिहारी चाहता है. केन्द्र सरकार के नियमों के अनुसार विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज का प्रयास हम कर रहे हैं. जिस परिस्थिति में बिहार का आगे विकास हो सके हम उसका प्रयास कर सकें. केन्द्र हमारी मदद भी कर रहा है और उम्मीद है कि आने वाले समय में हमें और आर्थिक पैकेज मिलेगा. हम बिहार को विशेष राज्य के दर्जे के लिए प्रयास करते रहेंगे.
गौरतलब है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर 2013 में जब केन्द्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी तब जेडीयू की ओर से हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया था इसके साथ हीं 17 मार्च 2013 को नीतीश कुमार ने दिल्ली के रामलीला मैदान में अधिकार रैली भी की थी. केन्द्र में एनडीए सरकार बनने के बाद भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला और इसको लेकर तेजस्वी यादव और दूसरे विपक्षी नेता अक्सर सीएम नीतीश कुमार पर हमलावर होते हैं.