CAB के ख़िलाफ़ IPS अधिकारी अब्दुर्रहमान ने दिया त्यागपत्र.
सिटी पोस्ट लाइव : महाराष्ट्र में एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अब्दुर्रहमान ने नागरिकता संशोधन विधेयक के ख़िलाफ़ अपना विरोध दर्ज करते हुए त्यागपत्र दे दिया है.अब्दुर्रहमान मुंबई में महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग में पुलिस महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी थे.उन्होंने ट्वीट कर अपने त्यागपत्र की जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि नागरिकता संशोधन विधेयक संविधान के मूल ढाँचे के ख़िलाफ़ है.
IPS अधिकारी ने ट्विटर पर लिखा है, “ये विधेयक भारत की धार्मिक विविधता के ख़िलाफ़ है. मैं न्यायप्रिय सभी लोगों से अपील करता हूँ कि वे लोकतांत्रिक तरीक़े से इसका विरोध करें. ये विधेयक संविधान के मूल ढाँचे के ख़िलाफ़ है.” गौरतलब है कि लोकसभा के बाद बुधवार को राज्यसभा में भी इसे पास कर दिया गया. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ये विधेयक क़ानून बन जाएगा. एक ओर जहाँ इस विधेयक के पक्ष में सरकार अपना तर्क दे रही है, वहीं इसके विरोध में भी स्वर तेज़ हुए हैं.
असम में विरोध प्रदर्शनों की आग तेज़ हुई है और राज्य के कई इलाक़ों में कर्फ़्यू लगा दिया गया है.आईपीएस अधिकारी अब्दुर्रहमान ने कहा है कि वे इस विधेयक की निंदा करते हैं और इसके विरोध में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ने का फ़ैसला किया है. अब्दुर्रहमान उसी समय से इस विधेयक के ख़िलाफ़ बोल रहे हैं, जब इसे लोकसभा में पेश किया गया था. उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह पर देश के इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने और ग़लत सूचनाएँ फ़ैलाने का भी आरोप लगाया था.
दूसरी ओर अमित शाह संसद के दोनों सदनों में कह चुके हैं कि ये किसी धर्म के ख़िलाफ़ नहीं है और भारत के मुसलमानों को इससे चिंतित होने की आवश्यकता नहीं.नागरिकता संशोधन विधेयक में पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश से आए ग़ैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है. विरोधी इसे धर्म के आधार पर नागरिकता देने का मामला कहते हुए इसे संविधान के ख़िलाफ़ बता रहे हैं. माना जा रहा है कि इस विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है.