सिटी पोस्ट लाइव : भारत और चीन के बीच शुरू हुआ सीमा विवाद अभीतक सुलझ नहीं पाया है.दोनों देश की सेनायें अभी भी बॉर्डर पर डटी हुई हैं. युद्ध का खतरा अभीतक टला नहीं है. पैंगोंग, देपसांग और कई अन्य इलाकों में अभी भी दोनों देशों की सेनायें डटी हुई हैं. अभीतक दोनों देशों के बीच पूरी तरह से सहमति नहीं बन पाई है. दोनों देशों के बीच मैराथन मीटिंग लगातार चल रही है.
15 जून को सीमा पर हुई हिंसा के बाद चीन पर यकीन करना मुश्किल हो रहा है. मंगलवार को भी दोनों देशों में कमांडर स्तर की बातचीत हुई जो कि लगभग 14 घंटे तक चली. चुशुल में सुबह साढ़े 11 बजे शुरू हुई बैठक बुधवार को तड़के ढाई बजे तक चली. दोनों देशों ने एक दूसरे का प्रस्ताव लेकर समीक्षा करने की बात कही. दूसरे चरण के डीएस्केलेशन के लिए अभी पूरी तरह से सहमति नहीं बन पाई है.बुधवार सुबह थलसेना अध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने दिल्ली में अपने शीर्ष अधिकारियों के साथ इस मामले को लेकर बैठक की. इसके बाद शाम को चाइना स्टडी ग्रुप (CSG) की भी बैठक हुई जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी शामिल थे.
मई से LAC पर जो स्थिति बनी है वह 1962 के युद्ध के बाद सबसे खराब है. ऐसे में CSG मई से ही ऐक्टिवेट हो गया था. भारत चाहता है कि चीनी सेना पैंगोंग से 8 किलोमीटर पीछे जाए लेकिन चीन की सेना अभी चार किलोमीटर ही पीछे गई है. चीन अपने सैनिकों को फिंगर 8 से पांच के बीच रखना चाहता है.भारत ने चीनी सेना के फिंगर एरिया 4 की रिज लाइन में उसके सैनिकों की उपस्थिति का जिक्र किया और कहा कि ये सैनिक हटाए जाने चाहिए. सूत्रों के मुताबिक अब भी चीन के सैनिक फिंगर 8 से 5 के बीच बड़ी संख्या में मौजूद हैं. भारत चाहता है कि तनाव को कम करने के लिए इस इलाके से सैनिक हटाए जाएं. अगर चीन ऐसा करने पर सहमत नहीं होता दोबारा टकराव की स्थिति बन सकती है.
चीन ने गोगरा, हॉट स्प्रिंग और गलवान घाटी से अपने सैनिकों को पीछे हटाने का काम पूरा कर लिया है. साथ ही उसने भारत की मांग के अनुरूप पैंगोग सो इलाके में फिंगर फोर की रिजलाइन में अपनी मौजूदगी कम कर दी है. परस्पर सहमति वाले फैसले की तर्ज पर दोनों पक्षों ने ज्यादातर टकराव वाले स्थानों पर तीन किमी का एक बफर जोन भी बनाया है.गौरतलब है कि पांच मई से आठ हफ्तों में पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच गतिरोध जारी है. गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मियों के शहीद होने के बाद तनाव गई गुना बढ़ गया. चीनी सैनिक भी इसमें हताहत हुए लेकिन चीन ने अभी तक इस बारे में विवरण सार्वजनिक नहीं किया है.