सिटी पोस्ट लाईव ; हर साल की तरह इस साल भी बारिश के साथ गर्मी की शुरुवात होने के साथ ही तिरहुत ईलाके में खासतौर पर मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों में इन्सेफेलाइटिस से बच्चों की मौत की खबर आने लगी है.मौत का ये सिलसिला जारी है.अबतक 7 बच्चों की एईएस से मौत की अधिकारिक पुष्टि हो चुकी है.मरनेवाले बच्चों की संख्या इससे कहीं बहुत ज्यादा है लेकिन उन मौतों की वजह जिला प्रशासन कुछ और बताकर आंकड़े को कम करने में जुटा है.स्वास्थ्य विभाग ज्यादातर बच्चों की मौत की वजह दूसरी बीमारी बताकर पल्ला झाड़ रहा है.
बुधवार को हुई 5 बच्चों की मौत के रहस्य से भी अब तक पर्दा नहीं हट सका है. स्वास्थ्य विभाग को बच्चों की मौत की जांच रिपोर्ट का इंतजार है. बिहार के मुजफ्फरपुर सहित आस-पास के जिले पूर्वी चंपारण, शिवहर और सीतामढ़ी जिले से एक्यूट इन्सेफेलाईटिस सिन्ड्रोम यानि एईएस के मामले तेजी से आने लगे हैं.चमकी और बुखार सहित एईएस के दूसरे लक्षणों से पीड़ित बच्चे केजरीवाल और एसकेएमसीएच अस्पताल में पहुंच रहे हैं इनमें से 5 बच्चों की मौत बुधवार को हो गई. जिनमें से चार केजरीवाल अस्पताल और एक बच्चे की मौत एसकेएमसीएच में हुई है. लेकिन इन 5 बच्चों की मौत को फिलहाल स्वास्थ्य विभाग एईएस नहीं मान रहा है.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को बीमार बच्चों के लिए गये सैम्पल का इंतजार है. लेकिन केजरीवाल अस्पताल सभी बच्चों की मौत को पिछले कुछ सालों के अनुभव और बीमार बच्चों के लक्षणों के आधार पर एईएस से मान रहा है. केजरीवाल अस्पताल में इस साल पूर्वी चंपारण से एक और मुजफ्फरपुर जिले के 8 यानि कुल 9 मरीज एईएस के भर्ती हुए हैं.इनमे से अबतक 5 बच्चों की मौत हो चुकी है.