सिटी पोस्ट लाइव : महागठबंधन पर बताशा के लिए मंदिर तोड़ देने की कहावत चरितार्थ हो रही है.विधान सभा की दो सीटों के लिए हो रहे उप-चुनाव को लेकर महागठबंधन में घमासान जारी है. बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास ने RJD को चेतावनी दे दी है. अगर तेजस्वी यादव ने कुशेश्वरस्थान से अपने उम्मीदवार का नाम वापस नहीं लिया तो बिहार में महागठबंधन टूट जाएगा. कांग्रेस के बिहार प्रभारी का ये बयान बहुत मायने रखता है क्योंकि तेजस्वी यादव की पार्टी साफ़ कर चुकी है कि वह पीछे नहीं हटनेवाली. बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष समीर सिंह का भी कहना है कि अगर राजद ने कुशेश्वरस्थान से अपने प्रत्याशी का नाम वापस नहीं लिया तो महागठबंधन टूट जाएगा.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक शकील अहमद खान ने तेजस्वी यादव पर तगड़ा हमला बोल दिया है. उन्होंने कहा है कि 89 में भाजपा के सहयोग से सत्ता में आने वाली राजद पार्टी का मोह आज भी भाजपा से कम नहीं हुआ है. तेजश्वी यादव का नाम लिए बगैर कांग्रेस विधायक ने कहा कि आज राजद नेतृत्व या तो अपरिपक्व है या फिर घमंड से चूर. शकील अहमद खां ने तेज प्रताप यादव की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज तेज प्रताप यादव कहीं ज्यादा राजनीति में परिपक्वता दिखा रहे हैं.
बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास के कुशेश्वरस्थान से अपने प्रत्याशी का नाम वापस लेने के राजद को दिए गए सुझाव पर राजद ने प्रतिक्रिया दी है. मुख्य प्रवक्ता और विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा है कि महागठबंधन बिहार में अटूट है और महागठबंधन का फैसला पार्टी के बड़े नेताओं ने लिया है. भाई वीरेंद्र ने भक्त चरण दास से अपील की है कि कुशेश्वरस्थान से वह अपने प्रत्याशी का नाम वापस ले लें क्योंकि इस विधानसभा क्षेत्र से राजद की जीत सुनिश्चित है. भाई वीरेंद्र ने कहा कि कांग्रेस ने राजद ने पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 70 सीटें दी थीं और अगर अपेक्षित परिणाम आता तो आज बिहार में महागठबंधन सरकार में होता.
RJD अपने उम्मीदवार का नाम वापस लेने को तैयार नहीं है और कांग्रेस पार्टी भी आरपार के मूड में है. जाहिर है ऐसे में तेजस्वी यादव की मुश्किल बढ़ गई है और नीतीश कुमार की राह आसान हो गई है. कांग्रेस और RJD के अलग अलग लड़ने से JDU की जीत सुनिश्चित हो जायेगी.