सिटी पोस्ट लाइव : बक्सर के सदर विधायक संजय तिवारी उस समय फेरे में फंस गये जब उनके सामने ही उनके मुर्दाबाद के नारे लगने लगे.चौसा के समीप रामपुर में कचरा डंपिंग जोन बनाने को लेकर नाराज लोगों ने विधयक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. दरअसल,यहां देवी डीहरा- नागपुर गांव के बीच डंपिंग के लिए जमीन का चयन किया गया है.रविवार को सदर विधायक संजय कुमार तिवारी तथा अनुमंडल पदाधिकारी धीरेन्द्र मिश्र दल-बल के साथ चिन्हित जमीन को देखने पहुंचे थे. कई गांवों के लोग वहां आ गए और डंपिंग जोन का विरोध करने लगे. विधायक द्वारा उनकी बात नहीं मानने पर मुर्दाबाद के नारे लगाए. इस बीच लोगों का हंगामा देख विधायक अधिकारियों के साथ वहां से निकल गए.
बक्सर नगर परिषद क्षेत्र विस्तार के साथ ही कचरा निस्तारण एक मुख्य समस्या बन गया है. कचरे के कारण पूरे शहर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. डंपिंग जोन नहीं होने के कारण नगर परिषद के द्वारा कभी गंगा किनारे तो कभी नहर और कभी किसी जलस्रोत के पास कचरे को डंप किया जाता है. यह राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशों का खुलेआम उल्लंघन है.नगर परिषद का क्षेत्र विस्तार अब चौसा तक हो गया है. ऐसे में चौसा के समीप रामपुर पंचायत के देवी डीहरा- नागपुर गांव के बीच डंपिंग के लिए जमीन का चयन किया गया है. अधिकारियों का कहना है कि जमीन का चयन ऐसे ही नहीं हुआ है. पहले ग्रामीणों से सहमति ली गई है. बजाप्ता ग्राम पंचायत के आयोजन की जानकारी रजिस्टर में दर्ज कराई गई .
आज विधायक को पहुंचा देख कई दर्जन ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और यहां कचरा निस्तारण की व्यवस्था का विरोध करने लगे. जब विधायक ने कहा कि ग्रामीणों की सहमति से ही यहां कचरा डंपिंग जोन बनाया गया है. यहां 15 लाख रुपए की मशीन लगाएंगे, जिससे कचरा पुनर्चक्रित कर दिया जाएगा और ग्रामीणों को कोई परेशानी नहीं होगी.ग्रामीण भड़क गये और कहा कि ग्राम पंचायत का आयोजन भी केवल कागज में किया गया है. इतना ही नहीं ग्रामीणों के हस्ताक्षर भी फर्जी बनाए गए हैं.लोगों ने विधायक से कहा कि वह यहां किसी कीमत पर डंपिंग जोन नहीं बनने देंगे. यहां खेल मैदान या अस्पताल बनवा दें. हम उसका स्वागत करते हैं.
ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने विधायक को वोट देकर भारी गलती कर दी है. ग्रामीणों ने बताया कि कचरा निस्तारण वाली जगह के समीप नदी भी बहती है जो राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के नियमों के तहत आती है.जब विधायक के खिलाफ आक्रोश बढ़ने लगा और मुर्दाबाद के नारे लगने लगे तो स्थिति बिगड़ते देख विधायक व पदाधिकारी वहां से निकल गए.