सिटी पोस्ट लाइव :IGIMS की जिनोम सिक्वेंसिंग रिपोर्ट के अनुसार बिहार में ओमिक्रॉन का कम्युनिटी स्प्रेड हो गया है. राज्य के अलग-अलग एरिया से लिए गए 40 रैंडम सैंपल में 40 संक्रमितों में कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन पाया गया है. रैंडम सैंपल रिपोर्ट के अनुसार राज्य में ओमिक्रॉन का कम्युनिटी स्पेड हुआ है और तेजी से मामलों के बढ़ने के पीछे कोरोना का यह नया वैरिएंट हैं.अगर अभी मामले कम नजर आ रहे हैं इसकी वजह जांच का कम हो जाना है. ओमिक्रॉन का खतरा और भी ज्यादा बढ़ गया है.
स्वास्थ्य विभाग कोरोना की बढ़ती रफ्तार को लेकर पहले ही ओमिक्रॉन के अधिक मामले होने की आशंका जाता रहा था जो मंगलवार को आई रिपोर्ट में सही साबित हो गया है. सैंपल में 100 प्रतिशत सैंपल में ओमिक्रॉन पाए जाने से अब खतरा बढ़ गया है.
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत का कहना है कि संक्रमण का मामला कम हो रहा है. संक्रमण की दर भी कम हो रही है, लेकिन इसके बाद भी पूरी तरह से गंभीर रहना क्योंकि ओमिक्रॉन का संक्रमण तेजी से फैलता है. अपर मुख्य सचिव का कहना है कि लगातार आंकड़ों पर स्टडी की जा रही है, जो ट्रेंड पाया जा रहा है उससे यह समझ में आ रहा है कि कोरोना का संक्रमण कम हो रहा है, लेकिन जिनोम में ओमिक्रॉन की 100 प्रतिशत रिपोर्ट आने से सावधानी बढ़ानी होगी.
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 15 जनवरी को 6263 नए मामले आए थे.लेकिन मंगलवार को 4551 नए मामले आए हैं. स्वास्थ्य विभाग इसे कोरोना को लेकर बरती जा रही सख्ती और लोगों के सहयोग का नतीजा बताया है. पटना में मंगलवार को 1218 नए मामले आए हैं, जबकि 9 जनवरी को पटना में 2500 से अधिक मामले आए थे. समस्तीपुर में मंगलवार को 399 और मुजफ्फरपुर में 217 नए मामले आए हैं
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत का कहना है कि बिहार के पॉजिटिविटी रेट में काफी कमी आई है. मंगलवार को पॉजिटिविटी रेट 2.96% रहा है जबकि 14 जनवरी को यह 3.67% पहुंच गया था. ट्रेंड से ऐसा लग रहा है कि बिहार में वायरस स्टेबलाइज हो गया है. पूरे मामले को देखा जा रहा है और इस पर हर जिले में काम किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की भी चिंता ओमिक्रॉन को लेकर दिख रही है. एक साथ 40 ओमिक्रॉन के मामले को लेकर अब खतरा बढ़ गया है. अगर 100 प्रतिशत सैंपल में एक ही वैरिएंट पाया जा रहा है तो बात पूरी तरह से साफ है कि ओमिक्रॉन से ही बड़ा खतरा है.