सिटी पोस्ट लाइव – पूरा राज्य भीषण गर्मी से बेहाल है।बिहार में तय समय पर मानसून की दस्तक के दावों के बीच आसमान से आग बरस रही है। बीते 48 घंटे में सिर्फ औरंगाबाद जिले में 12 लोगों की मौत हीट स्ट्रोक से हो गई है। मंगलवार को हीट स्ट्रोक से किसी को तेज बुखार आया तो कोई बेहोश होकर गिर पड़ा। इसके कारण 5 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में एक किशोर, दो महिला भी शामिल हैं। सदर अस्पताल में एक-एक घंटे के अंतराल पर चार लोगों ने दम तोड़ा। इससे वहां अफरा-तफरी मच गई, लेकिन अस्पताल प्रशासन धीमी गति से इलाज में जुटा रहा। हीट स्ट्रोक से साफ इनकार करता रहा।
सदर अस्पताल प्रशासन ने इसे सिरे से खारिज कर दिया।
कल यानी मंगलवार को जिले का पारा 44.5 डिग्री सेल्सियस था। डॉक्टरों ने दबी जुबान मौत का कारण हीट स्ट्रोक बताया, लेकिन सदर अस्पताल प्रशासन ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। जबकि, लू के कई मरीज अस्पताल में भर्ती हैं और कुछ को रेफर किया गया है। मरने वाले के परिजनों ने रोते हुए चीख-चीखकर लू से मौत होने की बात कही, लेकिन प्रशासन ने किसी का पोस्टमॉर्टम नहीं कराया।सिविल सर्जन (CS) डॉ कुमार वीरेंद्र ने बताया, ‘हीट स्ट्रोक से मौत की बात सिर्फ अफवाह है। लू लगने से किसी की मौत नहीं हुई है। हां, गर्मी प्रचंड है।’
स्वस्थ्य मंत्री मंगल पांडेय तक सदर अस्पताल आना पड़ा।
तीन साल पहले जून 2019 में जिले में हीट स्ट्रोक आया था। 15 जून को 4 से पांच लोगों की मौत हुई थी। पहले दिन अस्पताल व प्रशासन ने मौत का कारण हीट स्ट्रोक नहीं माना था और अज्ञात कारणों से मौत होने की बात कही थी, लेकिन अगले दिन 16 जून को 46 लोगों की मौत हो गई थी। फिर विरोधी दल के नेता से लेकर स्वस्थ्य मंत्री मंगल पांडेय तक सदर अस्पताल आना पड़ा। बता दें, पटना में लगातार दूसरे दिन तापमान 41 डिग्री से अधिक रहा है। सोमवार को पटना में अधिकतम तापमान सामान्य से चार डिग्री अधिक 41.7 डिग्री था। जबकि, मंगलवार को दिन का पारा सामान्य से पांच डिग्री अधिक 41.9 डिग्री रहा है। इस दौरान तेज धूप और गर्म हवाओं की वजह से लोग लू की तपिश झेलने को मजबूर हैं। बुधवार को भी लू का अलर्ट है। मौसम विभाग के अनुसार पटना में 17 जून तक मानसून आने की उम्मीद है।