सिटी पोस्ट लाइव : केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे के संसद में दिए बयान की आईएमए ने कड़ी निंदा की है। आईएमए ने कोरोना मरीजों का इलाज करने के दौरान जान गवाने वाले डॉक्टरों को शहीद का दर्जा देने की मांग की है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे के उस बयान पर आपत्ति जताई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र और अस्पताल राज्य के अधीन आते हैं इसलिए केंद्र सरकार के पास बीमा मुआवजा का कोई डाटा उपलब्ध नहीं है। आईएमए ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, संसद में दिया गया इस तरह का बयान हमारे लोगों के लिए खड़े होने वाले राष्ट्रीय नायकों को त्यागने और कर्तव्य से पीछे हटने के समान है।
वहीं आईएमए ने इस बात को लेकर भी नाराजगी जताई है कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने संसद में कोरोना से डॉक्टरों की मौत को लेकर कोई जिक्र नहीं किया। आईएमए ने इस पर आपत्ति जताते हुए इस संक्रमण से जान गंवाने वाले 382 डॉक्टरों की लिस्ट जारी की है और सरकार से उन्हें शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग की है।
आईएमए के मुताबिक 16 सितंबर को आईएमए के पास कोरोना से जुड़ा जो आंकड़ा उपलब्ध है उसके मुताबिक कोरोना महामारी से अब तक 2238 डॉक्टर संक्रमित हो चुके हैं जबकि 382 की मौत हो चुकी है। आईएमए ने कहा कि किसी भी देश में इतने डॉक्टरों की मौत नहीं हुई जितनी मौत भारत में हुई है। एसोसिएशन ने कहा है कि अगर सरकार कोरोना संक्रमित डॉक्टरों और जान गंवाने वाले डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों का आंकड़ा नहीं रख सकती तो उसे महामारी अधिनियम, 1897 और आपदा प्रबंधन कानून लागू करने का नैतिक अधिकार नहीं है।