सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में कोरोना की (Corona Pandemic) वजह से चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था और सीएम नीतीश (CM Nitish Kumar) की स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से नाराजगी का मामला अब नया रंग लेता नजर आ रहा है. एक बार फिर से स्वास्थ्य विभाग के पूर्व प्रधान सचिव संजय कुमार (IAS Sanjay Kumar) को जिम्मेवारी सौंपे जाने की चर्चा तेज हो गई है. आम लोगों के साथ ही अब डॉक्टरों के सबसे बड़े संघ आईएमए (IMA) ने भी सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखकर संजय कुमार को दुबारा प्रधान सचिव बनाने की मांग कर दी है.
IMA ने लिखा है कि कोरोना से बिगड़ती हालात पर नियंत्रण पाने के लिए फिर से संजय कुमार को लाना जरुरी है.आईएमए के सचिव डॉ सुनील कुमार और वरीय उपाध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने साफ कहा कि जब तक संजय कुमार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव थे तब तक हालात नियंत्रण में थी. अस्पतालों की सही से मॉनिटरिंग भी की जा रही थी. कोरोना से जुड़े डाटा भी समय उपलब्ध कराए जा रहे थे लेकिन वर्तमान प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत के आने के बाद हर जगह त्राहिमाम मचा है.वे किसी से संवाद और राय विचार भी नहीं करते हैं.
अंदरखाने में चर्चा है कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी चाहते हैं कि संजय कुमार को ही फिर से आपदा जैसी आपात हालात में प्रधान सचिव बनाया जाए. यहां तक कि 2 दिनों पहले कैबिनेट मीटिंग में ही स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत की सीएम के सामने पोल खोल दी थी और शिकायत की थी कि उदय सिंह कुमावत मंत्री की बात नहीं सुनते हैं. सीएम ने जमकर प्रधान सचिव को फटकार भी लगाई थी और चेतावनी देते हुए कहा था कि आपसे नहीं संभलता है तो पद छोड़ दीजिये.सीएम ने इसी मीटिंग में कुमावत को प्रतिदिन सैम्पल जांच के लिए 20 हजार का टारगेट भी दिया था. सचिवालय में इस प्रकरण के बाद चर्चा गर्म है और कहा ये जा रहा है कि अगले 48 घंटे में सरकार प्रधान सचिव को हटाने का आदेश भी जारी कर सकती है जिसको लेकर जल्द ही नोटिफिकेशन भी जारी किया जाएगा.
अब देखना है कि सीएम नीतीश कुमार क्या फैसला लेते हैं क्योंकि कुछ माह पूर्व सीएम नीतीश खुद प्रधान सचिव संजय कुमार से नाराज थे. लेकिन बिगड़ती हालात में अब सरकार के पास दूसरा विकल्प भी नहीं है. ऐसे में एक बार फिर तेज तरार ऑफिसर संजय कुमार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव का जिम्मा मिल सकता है. आईएमए के सचिव डॉ सुनील ने यह भी अनुरोध किया कि जिस प्रकार प्रशासनिक और पुलिसकर्मियों के लिए कोविड अस्पतालों में 25 फीसदी बेड आरक्षित करने का निर्देश दिया गया है, उसी प्रकार डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए भी 25 फीसदी बेड आरक्षित की जाए.