सिटी पोस्ट लाइव : पिछले दिनों कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों से बात कर उन्हें इलाज शुरू करने का आग्रह किया था. इतना ही नहीं सरकार ने इलाज में खर्च होने वाले पैसों का निर्धारण अस्पताल को ही करने कहा था. जो बाकि इलाज में खर्च होने वाले फीस जैसा ही था. इसके बाद लगातार खबर सामने आने लगी की निजी अस्पताल इलाज के नाम पर मनमाने ढंग से पैसों की वसूली करने लगे. जो दवा की कीमत 2 हजार होती है उसे 4 में अस्पताल देती है. इतना ही नहीं अस्पताल का खर्च भी मनमाने ढंग से लिया जाता है. जिसके बाद अब सरकार ने बड़ा फैसला लिया है और कोरोना इलाज की फीस स्वास्थ्य विभाग तय करेगी.
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बोला कि भिन्न-भिन्न जिलों में स्थित निजी अस्पतालों में सुविधाओं में भी भिन्नता है. ऐसे में विभाग नए सिरे से इस फैसला की समीक्षा कर उचित कार्रवाई करेगा. बताते चलें कि स्वास्थ्य विभाग ने एक माह पहले निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के उपचार की दर तय करने का आदेश सभी 38 जिलों के जिलाधिकारियों को दिया था. लेकिन, अबतक किसी भी जिले में यह दर तय नही किया जा सका है. कई जिलों में निजी अस्पताल में कोरोना मरीज भर्ती तो किये जा रहे हैं लेकिन उपचार की दर तय नहीं होने से मरीजों से मनमानी रकम वसूली जा रही है. इसको लेकर कई तरह की शिकायतें मिल रही हैं. अब विभाग गंभीर हुआ है.
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